भैंसदेही ब्लाक में प्रसिद्ध है सन्त सिंगाजी महाराज दरबार
भैंसदेही:- मनुष्य को भक्ति का मार्ग कभी नहीं छोड़ना चाहिए। धन पर कभी घमंड नहीं करना। यह आता-जाता रहता है लेकिन गुरु का दिया ज्ञान कभी खत्म नहीं होता। भक्ति में ही संसार का सुख है। गुरु के मुख से निकली वाणी हमेशा सत्य होती है। सिंगाजी जैसे शिष्य किसी युग में नहीं हुए। उन्होंने अपने गुरु के आदेश पर देह का त्याग कर दिया। वे सच्चे आज्ञाकारी शिष्य थे।
भैंसदेही विधानसभा के ग्राम पंचायत माजरवानी के (पिडर पांडरी) के सन्त सिंगाजी महाराज दरबार में चल रही सिंगाजी महाराज की परचरी कथा के चौथे दिन सुश्री चेतना भारती कथा वाचक ने बताया की। संत सिंगाजी की महिमा अपरंपार है। उन्होंने एक ही समय में तीन स्थानों पर दर्शन देकर भक्तों को आश्चर्यचकित कर दिया गया था। गुरु सिर्फ ज्ञान का उपदेश देते हैं। शिष्य को सद्मार्ग दिखाते हैं। कथा वाचक भारती ने कहा सतयुग में मनुष्य की उम्र एक लाख वर्ष, त्रेता युग में 10 हजार, द्वापर युग में एक हजार होती थी जो कलयुग में 100 वर्ष रह गई। कलयुग में 75 फीसदी पाप व 25 फीसदी पुण्य हो रहा है। इसलिए अगर 84 लाख योनियों के बाद अगर मनुष्य योनि में जीवन मिला है। तो प्रभु भक्ति में इसका सदुपयोग करो। कथा के चौथे दिन भक्त हजारों की संख्या में सिंगाजी महाराज की महिमा का श्रवण करने पहुचे थे।