भैंसदेही/मनीष राठौर
शासकीय महाविद्यालय भैंसदेही के प्राणी शास्त्र विभाग द्वारा मध्य प्रदेश हायर एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट एवं उत्कृष्टता गतिविधि के अंतर्गत छात्र छात्राओं को मछली पालन केंद्र आमला का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। मछली पालन केंद्र के संचालक श्री लक्ष्मण सोनारे ने बताया कि विभिन्न प्रजातियों की मछली का उत्पादन एक साथ टैंक में हम कर सकते हैं और अधिक उत्पादन ले सकते हैं। मछली की अधिक पैदावार के लिए यह आवश्यक है कि पूरक आहार दिया जाए। साधारण रूप से प्रोटीन युक्त कम खर्चीली पूरक आहारों का उपयोग किया जाना चाहिए। मूंगफली, सरसों, नारियल या तिल की महीन पिसी हुई खली और चावल का या गेहूं का चोकर बराबर मात्रा में मिलाकर मछलियों के कुल भार का 1- 2% तक प्रतिदिन दिया जाना चाहिए। विभिन्न किस्मों की मछलियों का उत्पादन कर सकते हैं जैसे रोहू, कतला आदि। मछली पालन केंद्र भ्रमण कार्यक्रम के संयोजक रविंद्र सिंह शाक्यवार सहायक प्राध्यापक जंतु विज्ञान, सहायक प्राध्यापक सहायक कमल डुडवे एवं भूपेंद्र ने इस भ्रमण कार्यक्रम में सहभागिता की l