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बैतूल

चौथी लहर से निपटने कितना तैयार हमारा जिला? बस मानव संसाधन का अभाव, 50 बिस्‍तरीय बैलून अस्‍पताल तैयार

जिला ब्यूरो चीफ रामेशवर लक्षणे

बैतूल। कोराना महामारी के चीन में आतंक को देखते हुए पूरा देश अलर्ट हो गया है। प्रदेश के जिले कोरोना से निपटने कितने तैयार है इसका भी ऑडिट जल्द ही हो जाएगा। जिला अस्पताल की बात करें तो साधन एवं संसाधनों के मामले में तो कोविड से निपटने की तैयारी पूरी है, बस कमी है तो सिर्फ मानव संसाधनों की। वार्ड बॉय और नर्स स्टॉफ का अभाव कोविड संकट से निपटने भारी पड़ सकता है। हालांकि विभाग जिम्मेदारों का दावा है कि अब कोविड को लेकर लोग जागरुक है, इसके अलावा जिले में पर्याप्त साधन भी है।बलून अस्पताल के 25 बेड ओपन-25 क्लोज कोविड यदि जिले में दस्तक देता भी है तो बैतूल इससे लडऩे कितना तैयार है यह जानना बेहद जरुरी है। जिले में कोविड मरीजों के उपचार के लिए 50 बिस्तरीय बलून अस्पताल भी है। इस अस्पताल में वर्तमान में 25 बेड ही ओपन है, बाकी 25 को बंद कर दिया गया है। कोराना से स्थिति नियंत्रण के बाद जिले में कई अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेण्डर ऑक्सीजन सिलेंडर धूल खा रहे है तो कोविड के जुटाए गए साधन भी अस्त-व्यस्त है। अब एक बार फिर कोरोना से दूसरे देशों में भयावह स्थिति निर्मित होता देख साधनों को व्यवस्थित किया जा रहा है।ऑक्सीजन एवं पर्याप्त दवाओं का स्टॉक उपलब्ध जिले में वर्तमान में ऑक्सीजन लाईन बेड, जिला अस्पताल डिस्टिक हॉस्पिटल में 4 वेंटीलेटर, 120 ऑक्सीजन सिलेण्डर, ऑक्सीजन मास्क, विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सेन्ट्रलाईज ऑक्सीजन उपलब्ध है। कोविड नियंत्रण के लिए दवाओं की भी पर्याप्त उपलब्धता है। साधन-संसाधनों के लिहाज से तो स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है बस दिक्कत है, तो अस्पताल में स्टॉफ की कमी की।अभी नहीं मिली कोई गाइडलाईन राज्य शासन से जिला स्वास्थ्य विभाग को अब तक कोई गाइडलाईन नहीं मिली है। बावजूद इसके कोविड नियंत्रण के लिए उपकरणों को व्यवस्थित किया जा रहा है। विभाग द्वारा कोविड नियंत्रण के बाद कई उपकरणों का अन्य मरीजों के लिए भी उपयोग किया जाने लगा था। यदि कोविड को लेकर कोई अप्रिय स्थिति निर्मित होती है, तो ऐसी स्थिति में अन्य बीमारियों के उपचार के लिए उपयोग किए जा रहे कोविड साधनों को वापस कोविड मरीजों के लिए उपयोग किया जाएगा। बहरहाल विभाग को चिंता है तो सिर्फ ह्यूमन रिसोर्स की, जिसकी वजह से सामान्य दिनों में भी अस्पताल प्रबंधन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।इनका कहना…अभी तक हमारे पास राज्य शासन से कोई गाइडलाईन प्राप्त नहीं हुई है। कोविड के दौरान जो संसाधन जुटाए गए थे वह सभी उपलब्ध है, यदि कोविड आता भी है तो हमें पूर्व की तरह दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।डॉ ओपी यादव, प्रभारी सीएमएचओ बैतूल स्वास्थ्य विभाग में मेन पॉवर कम है, ब्लॉक लेवल पर भी कोविड से निपटने पर्याप्त बंदोबस्त पूर्व से है।डॉ सौरभ राठौर, नोडल, कोरोना रोकथाम एवं नियंत्रण बैतूल जिला अस्पताल में 50 बिस्तरीय बलून हास्पीटल कोविड के लिए है, वर्तमान में इसके 25 बेड बंद है। दवाएं, वेंटीलेटर सहित अन्य संसाधन उपलब्ध है, परेशानी सिर्फ स्टॉफ की कमी होने से होगी।डॉ रानू वर्मा, आरएमओ, जिला अस्पताल बैतूल

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