*सुदर्शन टुडे संवाददाता बी.एल.सूर्यवंशी काछीबड़ौदा*
काछीबड़ौदा(धार) हाल ही में हुए त्रिस्तरीय पंचायतीराज, स्वराज के सशक्त बनाने और पंचायत में महिलाओं के लिए अधिक प्रतिनिधित्व के उद्देश्य से जिला व जनपद और ग्राम पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित किए गए हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्वाचित महिला प्रतिनिधित्व के सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास में उनकी भूमिका को मजबूत बनाने के उद्देश्य को आवश्यक किया गया है। उधर ग्राम सभा की बैठक व अन्य बैठकों में महिला सरपंच व पंचों की सक्रिय भागीदारी हो एवं महिला रक्षा पदों पर निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के एवज में ग्राम पंचायत और ग्राम सभा व अन्य बैठकों में संचालन उनके पुरुष पति एवं अन्य परिजन द्वारा किया जाना पूरी तरह से वर्जित सरकार ने कर दिया है। इस संबंध सरकार ने यह भी निर्देशित किया गया है कि यदि कोई सरपंच पति पंच पति महिला सरपंच एवं पंच के स्थान पर ग्राम पंचायत सभा की बैठकों में भाग लेते पाए जाते हैं। तो महिला सरपंच व महिला पंच की कुर्सी खतरे में आ सकती है। साथ ही सरपंच व पंच पद से पृथक भी किया जा सकता है। इसके बावजूद भी महिला सरपंच पति एवं उनके साथ-साथ पंच पति भी बढ़-चढ़कर ग्राम पंचायत व अन्य बैठकों में भाग ले रहे हैं। इस प्रकार शासन-प्रशासन के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं एवं आदेशों की अवेहलना की जा रही है।