सुदर्शन टुडे गंजबासौदा (नितीश कुमार) //
जनपद से 17 किलोमीटर दूर स्थित परमार वंश के राजा उदयादित्य की नगरी उदयपुर स्थित 16 वीं शताब्दी का नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर क्षेत्र में वास्तुकला की बेजोड़ मिसाल है। विगत वर्षों में मंदिर के पहुंच मार्ग को चौड़ा कर विकास रथ को गति मिली थी। इसी क्रम में विगत दिनों नवीन कृषि उपज मंडी में आयोजित महिला सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उदयपुर के नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर पर उज्जैन महाकाल लोक की तर्ज पर कॉरिडोर बनाने की घोषणा की। इस घोषणा को गंजबासौदा उदयपुर वासियों ने स्वागत करते हुए क्षेत्र में पर्यटन से जुड़े रोजगार निर्मित होने एवं क्षेत्र में बिखरी पड़ी सनातनी संपदा के संरक्षण हेतु महत्वपूर्ण बताया। इसके साथ ही क्षेत्र में विकास के पहिए को गति मिलने की भी उम्मीद जागी है।पत्रकारों का हुआ स्नेह भोज नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी ने प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कर्मियों के प्रति आभार जताते हुए स्नेह भोज का आयोजन किया। इसके पूर्व मीडिया कर्मियों ने नीलकंठेश्वर महादेव के दर्शन कर पूजा अर्चना की। पुजारी ने बताया कि विगत वर्षों से उदयपुर क्षेत्र में बिखरी पड़ी पुरातत्व कालीन संपदा के संरक्षण हेतु जो प्रयास पत्रकारों ने अपने समाचार पत्रों व चैनलों के माध्यम से कर शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया। जिसके चलते मंदिर पहुंच मार्ग का चौड़ीकरण हुआ। मीडिया कर्मियों द्वारा नीलकंठेश्वर मंदिर को विश्व पटल पर लाने के लिए कॉरिडोर की मांग शासन प्रशासन से अपने समाचार पत्रों के माध्यम से की जाती रही। जिसके परिणाम स्वरूप मुख्यमंत्री ने उपरोक्त मांग को मानते हुए कॉरिडोर बनाने की घोषणा की। हम सभी उदयपुरवासी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं मीडिया कर्मियों का आभार व्यक्त करते हैं। साथ ही साथ उम्मीद की है कि कॉरिडोर निर्माण की घोषणा को शीघ्र अमल में लाया जाएगा।