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बगैर नर्सिंग होम एवं क्लीनिक का पंजीयन किए धड्डले से चल रहे फर्जी डॉक्टरों की डिस्पेंसरी

सुदर्शन टुडे भास्कर पांडे एमपी सीजी हेड

जिले के गांव गांव तक फैला हुआ है झोलाछाप डॉक्टरों का मायाजाल गरीबों का खुला शोषण जारी

डिंडोरी आदिवासी बाहुल्य जिले में ऐसा कोई गांव और नगर बाकी नहीं है जहां पर बेधड़क बेरोटोंक धड़ल्ले से बगैर किसी डर और भय के झोलाछाप पांचवी आठवीं दसवीं कक्षा पास डॉक्टर की क्लीनिक एवं नर्सिंग होम चला रहे हो पर जिला प्रशासन के साथ-साथ स्थान या प्रशासन को सब नजर नहीं आ रहा है बल्कि इन सब अवैध संचालन के पीछे कहीं ना कहीं खंड चिकित्सा अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और पुलिस विभाग की भी महत्वपूर्ण भूमिका है पर यह सब देखकर भी अनदेखा कर रहे हैं और झोलाछाप डॉक्टर जो सड़क के किनारे ही अपनी दुकान लगाकर खुलेआम एलोपैथिक से इंजेक्शन बोतल लगा रहे हैं और समय लोगों को काल की गाल में भेज रहे हैं उन पर जिले के किसको क्या सब अपना अपना काम देख रहे हैं वही मध्य प्रदेश सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग से बिना पंजीयन किए धड़ल्ले से संचालित करते चारों तरफ दिखाई दे रहे हैं किंतु इसके पश्चात भी संबंधित स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार शासकीय तंत्र आज परयंत ऐसे झोलाछाप फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही या दंडात्मक कार्यवाही करते कहीं पर भी नहीं दिखाई दे रहे आखिर ऐसी कौन सी वजह है जिसके चलते इन झोलाछाप डॉक्टरों को बेपरवाह करीब जनता को लूटने की खुली छूट और मौत से खिलवाड़ करने का दायित्व सौपा? गया है गांव हो या नगर सभी तरफ हमें इन झोलाछाप डॉक्टरों की डिस्पेंसरी और बगैर फार्मासिस्ट की दवाई दुकाने संचालित होते दिखाई दे रही हैं वहीं मध्य प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि जिले की समस्त निजी नर्सिंग होम एवं क्लीनिक का मध्य प्रदेश उपचार ग्रह तथा संबंधी स्थापनाएं रजिस्ट्रीकरण तथा अधिनियम 1973 तथा नियम 2021 के अंतर्गत पंजीकरण अनिवार्य है स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को फोन लगाया गया पर उन्होंने फोन का कोई उत्तर नहीं दिया जहां तक हमें पता है की क्लीनिक के अंतर्गत केवल ओपीडी सेवाएं ही संचालित की जानी चाहिए मरीज को भर्ती किया जाना नियम विरुद्ध होगा इस हेतु नर्सिंग होम का पंजीयन अनिवार्य है मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने फोन उठाने तक की फुर्सत नहीं है लेकिन कुछ सूत्रों जानकारी के मुताबिक यह भी बताया गया की क्लीनिक के पंजियन हेतु क्लीनिक का फ्लोर प्लान मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी बायोमेडिकल वेस्टनिक जहां बायोमेडिकल बेस्ट नहीं निकलता है वहां ₹100 के स्टांप पेपर पर शपथ पत्र डॉक्टर की डिग्री एवं रजिस्ट्रेशन स्टाफ की शैक्षिक योग्यता एवं रजिस्ट्रेशन का प्रमाण पत्र तथा क्लीनिक की बहार एवं अंदर की फोटो अनिवार्य रूप से संलग्न करनी होती है जानकारी मुताबिक क्लीनिक के पंजीकरण हेतु यह सभी दस्तावेज एमपी ऑनलाइन की एनएचसी पोर्टल में अपलोड कर एवं निर्धारित शुल्क जमा कर भौतिक सत्यापन के पश्चात पंजीयन स्थानीय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है जो चिकित्सक जिस पैथ की योग्यता धारी हैं इस विधा में मरीजों का इलाज कर सकते हैं किसी अन्य पैथ से इलाज करना नियम विरुद्ध है किंतु यहां पर हम शासकीय नियम निर्देशों की खुली धज्जियां उड़ाते आसानी से चारों तरफ देख सकते हैं झोलाछाप डॉक्टर आज भी अपनी अधकचरी आदि अधूरे ज्ञान और दवाई दुकान के माध्यम से लोगों का आर्थिक शोषण करने से बाज नहीं आ रहे हैं वहीं जिला प्रशासन और संबंधित स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही खुली छूट के चलते यहां पर झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कभी भी कानूनी कार्यवाही नहीं होने से उनके हौसले बुलंद दिखाई दे रहे हैं लगातार जन शिकायतों और इन झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग होने और अखबारों में प्रमाणित पूरे साक्ष के साथ समाचार प्रकाशित होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग डिंडोरी के जिम्मेदार शासकीय तंत्र के द्वारा कभी भी कानूनी कार्यवाही नहीं क्यों

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