सुदर्शन टुडे संवाददाता शिवशंकर राठौर
झिरन्या। लाखों करोड़ों रूपये की लागत से शासन प्रशासन अनेक योजनाएं देकर आदिवासी बहुल क्षेत्र को आर्थिक और सामाजिक मजबूती देने में जुटा है। लेकिन पिछले कई वर्षो से झिरन्या क्षेत्र में एक अदद राष्ट्रीयकृत बैंक की अन्य शाखा की मांग पर कभी किसी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक स्तर पर कोई सार्थक पहल नही होने से अनेक परेशानियों से आमजन को जूझना पड़ रहा है । स्थानीय स्तर एकमात्र बैंक ऑफ़ इंडिया की राष्ट्रीयकृत शाखा होने से उपभोक्ताओं को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है । मनरेगा योजना,पेंशन खाते,किसान सम्मान निधि, सहित अनेक हितग्राहीमूलक योजनाओं के खाते यहां होने से दिनभर भीड़ लगना लाजिमी है। लांखो खाते होने से कभी कभी तो यह स्थति निर्मित हो जाती है की बैंक प्रबंधन को दरवाजा लगाना पड़ता है। भीड़ के कारण बैंक के सामने प्रतिदिन जाम की स्थिति भी निर्मित होती है जाम और यातायात अवरोध से विवाद पर अनेक बार पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ता है। स्थानीय निवासरत व्यापारियों कमल गुप्ता राजू गंगराड़े मोहन गंगराड़े कैलाश सोनी मुरारी जायसवाल ने बताया की बैंक होने से व्यापार में फायदा कम नुकसान होने लगा है ।दुकान के सामने ही दोपहिया खड़े कर देने से परेशानी होती है ।लाडली बहना योजना के बाद फिर लगने लगी है लाईनें मप्र की भाजपा सरकार की महत्वपूर्ण योजना लाडली बहना योजना शुरू होने के बाद स्थानीय बैंक में लगातार महिलाओं की भीड़ को नियंत्रित करना बैंक प्रबंधन के लिए मुश्किल हो रहा है । महिलाएं राशि निकालने के साथ डीबीटी सहित अपने केवाईसी के लिए पहुंच रही है । विवाद से बचने और जल्द बैंक लाईन में लगने की कवायद के चलते महिला पुरुष उपभोक्ता अलसुबह पांच बजे से बैंक के सामने कतार में लग जाते है। दूरस्थ पहाड़ी अंचल से अनेक लाडली बहना योजना की हितग्राही बहनें अपने घर से सुबह चार बजे ही बैंक से राशि आहरण के लिए झिरन्या मुख्यालय पहुंच जाती है। भास्कर प्रतिनिधि ने बुधवार को सुबह छः बजे शाखा के सामने लाइन में लगी ज्ञानीबाई बेवा रेमसिंग चौपली सोनाबाई भारत हेलापडावा पातलीबाई गजरसिंह धूपी रामाबाई इंदौरी अल्के भडलेन ,70 किमी दूर से पहुंचे थावरिया पिता फकरिया नार्वे पीढ़ी जामली ने बताया की मनरेगा मजदूरी खाता बंद है केवाईसी के लिए एक हफ्ते से दौड़ रहा हूं। चमार सिंह सुकलिया भापसी सुबह से किसान सम्मान निधि की राशि के लिए पहुंच गया है उसमे बताए की पिछले आठ दिन से अपने नंबर का इंतजार कर रहा है। बुजुर्ग महिला कुशुमबाई ठोकन बेड़ा को मंगलवार दिनभर लाईन में लगने के बाद लोगों ने बैंक तक नही पहुंचने दिया उसे झिरन्या अपने रिश्तेदार के यहां रुकना पड़ा । खरियामाल की 80 साल की बुजुर्ग महिला सुशीला बाई ने कहां की हर माह पेंशन के लिए मेरे जैसी सैकड़ों बुजुर्ग महिला दिनभर धूप में भूखे प्यासे खड़ी रहती है ।सरकार को बुजुर्ग पेंशन योजना की राशि वितरण की व्यवस्था में बदलाव करना चाहिए
बैंक के साथ ही अन्य आंचलिक बैंक मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक में महिला स्वयं सहायता समूह की भीड़ तो जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में कृषकों का तांता लगा रहता है । वहीं कियोश्क सेंटरों पर भी भीड़ के बावजूद क्षेत्र के उपभोक्ताओं की परेशानी खत्म होने का नाम नही ले रही है । कर्मचारियों को भी दिक्कतें है
अनेक बार विवाद की स्थति भी निर्मित हो रही है लेकिन कोई देखने सुनने वाला नहीं है ।सरकारी योजनाओं से जुड़े उपभोक्ताओं की इतनी भीड़ रहती की आम बचत खाता व्यापारी वर्ग बैंक में जाने से कतराने लगा है। वर्तमान में खरीफ सीजन के कृषक ऋण के लिए किसान अपने पुराने खातों का नवीनीकरण सहित नवीन ऋण स्वीकृत के लिए मशक्कत करते नजर आते है । क्षेत्रीय विधायक ने वित्त मंत्री को नवीन राष्ट्रीय बैंक शाखा के लिए पत्राचार किया है लेकिन एक वर्ष बाद भी कोई आगे की कार्यवाही वित विभाग से नही हुई है ।जबकि की बमनाला भीकनगांव पंधाना अम्बा में अलग अलग राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाएं कार्यरत है। वेतन और गृहऋण के लिए कर्मचारियों को खंडवा खरगोन भीकनगांव पंधाना देशागांव की दौड़ लगाना मजबूरी है।
विट्ठल सेन महेंद्र जायसवाल विपिन गंगराड़े दिनेश तंवर आदि ने एसबीआई की शाखा खोलने की मांग शासन से की है ।