माचलपुर – शासन द्वारा हर साल समर्थन मूल्य पर सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों की उपज तौली जाती है जिसमें खासकर गेहूं,चना,मसूर एवं सरसों (रायडा) की फसल शामिल होती है।सहकारी समितियों द्वारा जिन फसलों का समर्थन मूल्य पर तौल किया जाता है वह फसल गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए इसलिए फसल खरीदी केंद्र पर एक सर्वेयर भी तैनात किया जाता है।सर्वेयर फसल की गुणवत्ता परखता है जो फसल गुणवत्ता विहीन है उसे चाहे तो सर्वेयर खरीदी से निरस्त कर सकता है। साथ ही जो फसल खरीदी जा रही है उसकी गुणवत्ता के प्रमाण स्वरूप फसल का नमूना भी ले सकता है। फसल के नमूने के लिए डेढ़ सौ ग्राम से दो सौ ग्राम तक नमूना ले सकते हैं ।
लेकिन माचलपुर नगर में वेदांता वेयर हाउस में रायडा खरीदी में काफी मनमानी की जा रही है।
सूत्रों की मानें तो यहां सेंपल के नाम पर आधा किलो से दो किलो तक रायडा के सेंपल लिए जा रहे हैं।
समर्थन मूल्य और बाजार मूल्य में भारी अंतर होने के कारण कुछ व्यापारियों द्वारा मुनाफा कमाने के लिए सोसायटी प्रबंधन और सर्वेयर से सांठगांठ कर अपना गुणवत्ता विहीन रायडा किसानों के पंजीयन पर खपा रहे हैं। तौल केंद्र पर फसल ट्राली में भरकर लाने का नियम है जबकि यहां बोरियों में भरकर रायडा लाते देखा गया। आखिर किसी एक बोरी से सेंपल लेकर बाकि अन्य बोरियों में भरे रायडे की गुणवत्ता का कैसे आकलन किया जा सकता है। किसानों की फसल के बजाय व्यापारी के माल होने की शंका बलवती मानी जा सकती है क्यों कि किसान का रायडा होता तो वह ट्राली में खुले तौर पर लाता ना कि बोरियों में भरकर ।इस धंधे में स्पष्ट रूप से सोसायटी प्रबंधन, व्यापारी और सर्वेयर की सांठगांठ उजागर हो रही है।
इनका क्या कहना है नोडल अधिकारी अभी यही पर थे चाय पीने गए है और सर्वेयर की तबियत खबर है तो वो चले गए जो उन्होंने पास किए है वही माल तुल रहा है!जगदीश दांगी सहायक संस्था प्रबंधक लखोनी यह जो माल तुल रहा हे वो किसानों का है सर्वेयर की तबियत खबर है तो वो चला गया है कुलदीप नागर नोडल अधिकारी