Sudarshan Today
गंजबासौदा

कलेक्टर के निर्देश पर जांच के लिए पहुंचा खाद्य विभाग, पंचनामा बनाकर जप्त किये आठ नमूने

सुदर्शन टुडे गंजबासौदा नितीश श्रीवास्तव

जिलाधीश बोले जांच के बाद होगी निष्पक्ष कार्यवाही

विगत दिनों महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत शहरी आंगनवाड़ी केंद्रों पर समूहों द्वारा नाश्ता व भोजन में पौष्टिक आहार हल्दी के स्थान पर स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालने वाले रंगों का उपयोग करने का मामला प्रकाश में आया था जिसकी जांच महिला बाल विकास के अधिकारियों ने की थी और एक नोटिस भी 19 अक्टूबर को सम्बंधित चार समूहों के संचालकों को दिया था लेकिन नोटिस के बाद जब दो माह तक कोई कार्यवाही नहीं हुई और जो विभाग जिसने स्वयं जांच कर पूरे मामले को नोटिस देकर उजागर किया वह ही जब गोलमोल जवाब देकर दोषियों को बचाने के प्रयास में लग गया। तब सुदर्शन टुडे द्वारा 18 दिसम्बर के अंक में खबर प्रकाशित की। खबर का असर ऐसा हुआ कि खबर प्रकाशित होने के बाद जिले के जिलाधीश उमाशंकर भार्गव के निर्देश पर खाद्य विभाग की टीम संदीप वर्मा के नेतृत्व में गंजबासौदा पहुंची और चारों समूहों की जांच की गई। जांच अधिकारी संदीप वर्मा ने बताया कि जिलाधीश के निर्देश पर जांच की जा रही है अभी पंचनामा बनाकर कुल 8 सेम्पल जिसमें हल्दी, मिर्च, धनिया पावडर के दो-दो व जीरा एवं दाल के एक एक सेम्पल लिये गए हैं। पूरी कार्यवाही निरीक्षण दल संदीप वर्मा एवं किरण श्रीवास्तव खाद्य सुरक्षा अधिकारी तथा सूरज सिंह द्वारा की गई। वर्मा ने बताया कि सेम्पल जांच के लिये लैब में भेजे गए हैं जांच रिपोर्ट आने पर आगामी कार्यवाही की जायेगी।जांच पर उठ रहे सवाल दो माह बाद सेम्पल क्यों बच्चों के स्वास्थ्य के साथ हुए खिलवाड़ और लापरवाही के बाद अब पूरे मामले को जांच का आधार बताकर दबाने के प्रयास चल रहे हैं पूरा मामला यह है कि जब 2 माह पूर्व शिकायत के उपरांत महिला बाल विकास विभाग द्वारा जांच की गई थी और जांच में स्वयं विभाग ने ही कहा था कि हल्दी के स्थान पर समूह बच्चों के खाने में रंग मिला रहे हैं जो स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालता है साथ ही विभाग ने पूरी जांच की वीडियोग्राफी भी कराई थी यह स्वयं विभाग ने नोटिस में ही कहा है तो अब खबर प्रकाशित होने के बाद अब पुनः सेम्पल का क्या अर्थ ? अब तो समूह संचालकों ने गड़बड़ी सुधार ली होगी दो माह पूर्व की गई गड़बड़ी दो माह बाद कैसे मिलेगी? इस जांच से पूरी कार्यवाही सन्देह के घेरे में नजर आ रही है। अगर जिलाधीश महोदय को निष्पक्ष कार्यवाही करना है तो पूर्व की जांच या जो पूर्व में वीडियोग्राफी की गई उसे भी आधार माना जा सकता है। अगर बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलबाड़ करने के उपरांत भी अगर दोषियों पर कार्यवाही नहीं होती है तो आप समझ सकते हैं कि पूरे मामले में किस हद तक साठगांठ चल रही है जिससे छोटे छोटे बच्चे भी अछूते नहीं हैं और अल्प फायदे के लिए छोटे छोटे बच्चों के स्वास्थ्य की परवाह भी नहीं की जा रही है। इस संगीन मामले में महिला बाल विकास के अधिकारियों की चुप्पी पूरे मामले संदेहास्पद बना रही है।यह कृत्य शासन की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है – विभागअब यह हद की बात है कि जब स्वयं विभाग द्वारा नोटिस में कहा गया कि यह कृत्य शासन की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है साथ ही विभाग ने स्वयं नोटिस में कहा कि समूह पर खाना बनाने वालों ने यह स्वीकार किया है कि वह हल्दी के स्थान पर रंग मिला रहे थे तब अब ओर किसी जांच या सेम्पल की क्या आवश्यकता है क्या ? अब नई जांच की आड़ में पूरे मामले को दबाने का प्रयास तो नहीं हो रहा। यह शहर में आम चर्चा का विषय बना हुआ है।इनका कहना है पूरे मामले में खाद्य विभाग की टीम ने सेम्पल लिये हैं जिन्हें जांच के लिये भेजा है, रिपोर्ट आने पर निष्पक्ष कार्यवाही की जायेगी।उमाशंकर भार्गव कलेक्ट विदिशा कलेक्टर महोदय के निर्देश पर चार समूहों के कुल 8 सेम्पल पंचनामा बनाकर लिए गए हैं। जिन्हें जांच के लिए लैब में भेजा गया हैं। जांच रिपोर्ट आने पर आगामी कार्यवाही की जायेगी। संदीप वर्मा जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी, विदिशा

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