सुदर्शन टुडे गंजबासौदा नितीश श्रीवास्तव
विगत दिनों से विकासखंड के अंतर्गत एक शासकीय हाई स्कूल में पास्को एक्ट के मामले की चर्चाएं क्षेत्र में जोरों पर है। प्राप्त जानकारी अनुसार हाई स्कूल में तत्कालीन पदस्थ एक शिक्षक द्वारा विद्यालय की 8-10 नाबालिग बच्चियों के साथ अश्लील हरकत करने की शंका के चलते विद्यालय में कई तरह की बातें चल रही हैं। जब यह बातें गांव के सरपंच और अन्य जागरूक युवाओं तक पहुंची तो उन्होंने विद्यालय प्रशासन और प्राचार्य से जानकारी ली। जिस पर विद्यालय के प्राचार्य और स्टाफ द्वारा इस प्रकार की किसी भी घटना के न होने के दावे किए जा रहे हैं। जब इस संबंध में हिंदू जागरण मंच की एक टीम शनिवार को विद्यालय में पहुंची और प्राचार्य, ग्राम के सरपंच व अन्य लोगों से मामले के संबंध में चर्चा कर पूछताछ की तो मामले में कहीं न कहीं सत्यता दिखती नजर आ रही है। इस दौरान हुई बातचीत को हिंदू जागरण मंच के एक कार्यकर्ता द्वारा अपने मोबाइल कैमरे से वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई। जोकि संवाददाता के पास सुरक्षित है। बातचीत के दौरान विद्यालय में बच्चियों के साथ हुई घटना लगभग सत्य होना प्रतीत हो रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन 8-10 बच्चियों के साथ शिक्षक द्वारा गलत हरकतें की जाती रही हैं उनमें से कुछ बच्चियां अत्यंत गरीब परिवार की हैं और कुछ बच्चियों के पिता अब इस दुनिया में नहीं है। ऐसी बच्चियों को टारगेट करके उक्त शिक्षक द्वारा काफी समय से इस तरह की हरकतें उनके साथ की जाती रही हैं। यह मामला लगभग एक वर्ष पुराना बताया जा रहा है तो वही बदनामी के चलते बच्चियां व परिवार के लोग डरे हुए हैं।वही इस मामले में विद्यालय की प्राचार्य का कहना है कि हमारे पास किसी स्टाफ के सदस्य व किसी बच्ची ने कोई लिखित शिकायत नहीं दी अगर शिकायत मिलती है तो वरिष्ठ अधिकारियों को कार्रवाई हेतु प्रेषित किया जाएगा।पॉक्सो एक्ट : कोई संस्था अगर अपराध की रिपोर्ट न करे तो क्या होंगे उसके परिणाम सामान्य अर्थो में धारा 19 पॉक्सो अधिनियम, 2012 अनुसार- जब किसी व्यक्ति को अधिनियम के अंतर्गत वर्णित किसी अपराध की जानकारी है कि ऐसा कार्य किया गया है या यह आशंका है कि इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध किए जाने की संभावना, वह ऐसी जानकारी विशेष किशोर पुलिस युनिट या स्थानीय पुलिस को उपलब्ध कराएगा। धारा-19 के अधीन ऐसी रिपोर्ट न करने पर धारा-21 में दंड का प्रावधान है।