पत्रकार राजू सोंधिया(9977638306)
व्यवस्था सुधारने पर कब ध्यान देंगे विभाग के जिम्मेदार
राजगढ़( म.प्र .) प्रदेश सरकार लगातार शिक्षा प्रदान करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है ,शिक्षकों को हमारी संस्कृति में सर्व प्रथम पूज्य की उपाधि प्राप्त है, शिक्षक लेकिन अपने कर्म से ही लापरवाही हो तो ऐसे शिक्षक को किस उपाधि का दर्जा दिया जाएगा ,ऐसा ही मामला ब्यावरा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले शासकीय हाई स्कूल सालरियाखेड़ी गांव का मामला सामने आया है ,80 90 के लगभग छात्र-छात्राएं अलग-अलग गांवों से अध्ययन करने के लिए आते हैं कुछ छात्रों का यह भी कहना है हमें टीचर द्वारा नहीं पढ़ाया जाता है और नही टीचर स्कूल टाइम से आते हैं टीना नाम की छात्रों ने प्रिंसिपल के सामने ही खड़े होकर स्पष्ट बताया कि टीचर टाइम से नहीं आते हैं छात्रा ने मना किया तो उसको घुमा फिरा कर सवाल जवाब करने लगे प्रिंसिपल साहब जब सुदर्शन टुडे के संवाददाता ने स्कूल प्रिंसिपल से इस पूरे मामले में चर्चा की तो स्कूल प्रिंसिपल ने भी पहले टीचर की कमी होना बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया यदि जिम्मेदारा जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते रहेंगे बच्चों के भविष्य का क्या होगा ,शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण शिक्षकों का हौसला बुलंद बच्चों को शिक्षा देने के लिए सरकार शिक्षकों को अच्छी-खासी वेतन देती हैं ,फिर भी शिक्षक अपने कर्तव्य के बिना लापरवाही है,ऐसे शिक्षकों पर जन शिक्षा विभाग कार्रवाई करेगा या नजरअंदाज कर रह जाएगा देखना यह होगा ?
इनका कहना है
कौन से स्कूल का है यह मामला ठीक है ,मैं जांच करवाता हूं ?
जिला शिक्षा अधिकारी :-बी.एस बिसोरिया