रिपोर्टर…देवराज चौहान
राजगढ़।जिला चिकित्सालय राजगढ़ कि अगर इस वक्त बात करें तो जहां एक तरफ मौसमी बीमारियों के चलते मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ने लगी है। फिर चाहे बात सर्जिकल वार्ड की हो , जनरल वार्ड या आईसीयू वार्ड सभी जगह मरीजों की भरमार है इसी के साथ अगर मेटरनिटी वार्ड की बात करें तो इस वक्त क्षमता से भी अधिक महिलाए अस्पताल में भर्ती है। जिन्हे पलंग तो दूर की बात कई प्रसूताओं को सरकारी गद्दे और चादर भी नसीब नही हो रही। मेटरनिटी वार्ड ट्रामा सेंटर की स्थिति इस तरह खराब हे की जहा 98 बेड के अस्पताल में 120 महिलाए भर्ती हे जिनमे कई महिलाएं जिनकी हाल ही में सीजर या नार्मल डिलेवरी हुई हे। उन्हे पलंग तो दूर की बात अस्पताल प्रबंधन नीचे जमीन पर गद्दे भी उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। ऐसे में महिलाओ सहित नव जात शिशु भी कही त्रिपाल तो कही किराए की रजाई पर अपना वक्त काट रहे है।
संक्रमण के खतरे का बना हे डर। जिला चिकित्सालय में बेड की कमी से परेशान भर्ती महिला ,संतोष बाई मलावार, राधा रानी खजुरिया,मीना हेमंत करेड़ी सहित कई पेशेंट के परिजनों ने बताया की हमे बेड ना सही अगर सरकारी गद्दे ही नसीब हो जाते तो हमारे जच्चे और बच्चो को संक्रमण का डर नही रहता ऐसे में हमे किराए के बिस्तर पर नीचे फर्श पर सुलाना पड़ा। जिससे संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है।
आखिर कहा गायब हुवे जिले में खोले गए नए 27 डिलीवरी पॉइंट।जिले में प्रसूताओ वा परिजनों की समस्याओं को देखते हुए तत्कालीन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने जिले में डिलीवरी के लिए 27 पॉइंट बनवाए थे। जो कुछ दिन निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे थे। इसके बाद लगातार बढ़ रही जिला चिकित्सालय की मेटरनिटी में भर्ती पेसेंट की भीड़ यह बता रही है की या तो वह पॉइंट बंद हो चुके हैं। या वहां पर सुचारू सेवाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। यही कारण है की दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली प्रसूताओं को वहां पर सेवाएं नहीं मिलने के कारण जिला चिकित्सालय में बेड की कमी का खामियाजा उठाना पड़ रहा है। इनका कहना। जिला चिकित्सालय में लगातार पेशेंट बड़ रहे है इसके कारण बेड की कमी भी सामने आ रही हे हम लगातार व्यवस्थाएं कर रहे हे जिन्हे बेड नही मिल रए उनके लिए बेड शीट की व्यवस्था में कराता हु।
आर एस परिहार सिविल सर्जन राजगढ़ इनका कहना..सिविल सर्जन सहित पूरे प्रशासनिक अमले को में पहले ही अवगत करा चुका हु ,जिले भर के डिलीवरी पॉइंट बंध की कगार पर है इस कारण यहां लोड बढ़ रहा है कितने में स्वस्थ अमला पूरी तरह से फेल दिखाई दे रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली महिलाएं वा बच्चे अगर संक्रमण की चपेट में आते हैं तो इसकी जवाबदार सिविल सर्जन वा स्वास्थ अमला होगा मैं लगातार इसकी मानिट्रिंग में लगा हुआ हूं और ऊपर भी शिकायत कर चुका हूं।