समाजसेवी वसीम अकरम ने शोभायात्रा का किया स्वागत
लोहरदगा: किस्को प्रखण्ड के अरेया में आदिवासी सरना समाज समिति की ओर से प्राकृतिक पर्व सरहुल शांति पूर्वक एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसकी शुरुआत पहान भौरा मुंडा द्वारा सरना मां की पूजा-अर्चना कर क्षेत्र की सुख, शांति एवं समृद्धि की मंगलकामना कर की गई। साथ ही कार्यक्रम के दौरान सरई फूल एवं एक दूसरे को रंग लगाकर खुशियां मनाई गई। इसके बाद आदिवासी समाज की पुरुष-महिलाएं व युवतियां परंपरागत वेशभूषा में ढोल नगाड़ों के साथ प्राकृतिक और बसंत से जुड़े गीत संगीत के साथ नृत्य करते हुए शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा आरेया गांव में निकाली गई, जहाँ समाजसेवी वसीम अकरम की ओर से शोभायात्रा का भव्य रूप से स्वागत किया गया और उनके लिए पानी और जूस की विशेष व्यवस्था की गई। इसके बाद शोभायात्रा नाच गान के साथ अखड़ा पहुँचकर सम्पन्न हुआ। मौके पर आदिवासी समिति के पदाधिकारीयों ने बताया कि यह परंपरा पूर्वजों के जमाने से चली आ रही है। इस परंपरा को उत्सव रूप में मनाकर नई पीढी के लोगों को सरहुल व पर्यावरण का महत्व बताना है। लोगों का प्रकृति से प्रेम व अटूट रिश्ता होने के कारण ही पर्यावरण व संस्कृति को अब तक सहेज कर रखा गया है। हम सभी को वातावरण की शुद्धता के लिए पेड़-पौधे लगाना चाहिए, यह हमारा जीवन प्रकृति से जुड़ा हुआ है। यह पर्व हमें प्रकृति व संस्कृति से जोड़े रखती है। मौके पर शोभा यात्रा का स्वागत वसीम के अलावे जुबेर अंसारी जियारत अंसारी अरबाज अंसारी दोबारा किया गया। जबकि शोभायात्रा में मुख्य रूप से अगनु उराँव, आजाद उरांव, हेमंत उराँव, शंकर उराँव सहित अन्य मौजूद थे।