समीपस्थ निमरानी स्थित औद्योगिक क्षेत्र की अक्षत एग्रो लिमिटेड कंपनी में कार्य करने वाली महिला सुनीता पति राकेश ने बताया की 13 मार्च को अक्षत कंपनी में आग लगने की घटना हुई थी। जिसमे अफरा तफरी मचने के दौरान भागने पर ट्रक की चपेट में आ गई थी। कंपनी में काम करने वाले लोगो ने मेरी जान बचाई थी। इस दुर्घटना में सुनीता गंभीर रूप से घायल हो गई थी। जिसे कंपनी के वाहन से धामनोद के निजी हॉस्पिटल ले जाया गया। ततपचात बड़वानी के निजी अस्पताल में सुनीता को भर्ती कराया गया। सुनीता बाई ने अपनी आप बीती में बताया कि उनकी कोई संतान नही है। सुनीता ओर उनका पति राकेश गक्त 2 वर्षों से अक्षत एग्रो कंपनी में काम कर रहे है। हम लोग सुबह 8 बजे से शाम को 6 बजे तक 10 घण्टे कार्य करने पर ठेकेदार सोनू के द्वारा 190 रुपये मजदूरी दी जाती है। आज हम लोगो आर्थिक रूप से हालत इतनी खराब है कि आसपास वाले जो खाने के लिए दे जाते है। वो खा कर अपना गुजारा कर रहे है। लेकिन न कंपनी ओर न ठेकेदार कोई भी हमारी सुध लेने के लिए तैयार नही है। जब ठेकेदार या कंपनी से बात होती है तो हम लोगो को दो टूक कहा दिया जाता है कि आप का हॉस्पिटल में इलाज करा दिया अब हमारी जवाबदारी नही है। लेकिन मेरे पैर मक स्थित इतनी अच्छी नही है कि में चल फिर सकू या घर का कोई काम कर सकू। यहां तक कि दिनचर्या के लिए मेरे पति राकेश की जरूरत पड़ती है। अब हम दोनों लाचार ओर बेबस है। हमारे पास इस बेबसी ओर कंगाली के अलावा कुछ नही है। वही महिला की शिकायत पर पुलिस ने कायमी कर ट्रक क्रमांक एमएच 04 जेयू 1637 को जब्त किया है ।
वही भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री नरेंद्र पटेल ने बताया कि निमरानी औधोगिक क्षेत्र की अक्षत एग्रो कंपनी पर बड़ा आरोप लगाते हुए बताया कि मजदूरों का शोषण किया जा रहा है एवं बंधुआ मजदूरों की तहर कार्य लिया जा रहा है। अक्षत कंपनी की शिकायतें। ही आ रही है कि वहाँ पर मजदूर ठेकेदार है उनके पास किसी प्रकार का लाइसेंस नही है। कंपनी ऐसे कॉन्ट्रेक्टरों को ढूंढती है जो कम मजदूरी में अधिक से अधिक मजदूरों का शोषण कर सके। मजदूरों का न ईएसआई ओर ना पीएफ कटता है । मजदूरों को सिर्फ जानवरो की तरह काम कराया जा रहा है।
वही हमारे प्रतिनिधि कंपनी मैनेजमेंट से बात करने के लिए गए। तो अक्षत एग्रो मिलिंग के मैनेजर संदीप तिवारी ने दबंगाई के साथ बताया कि कंपनी ने घायल मजदूर महिला के इलाज में लाखों रुपये लगा दिए है। और पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है इसमें मीडिया का क्या काम। अगर मीडिया को जानकारी चाहिए तो जिला पुलिस अधीक्षक एवं कलेक्टर से परमिशन लेकर आये या लिखित कोई दस्तावेज है तो वह बताए। मीडिया कंपनी से अंदर की जानकारी ऐसे ही नही मांग सकती। मीडिया को जो छापना है वो छापे। हमारे पास सभी दस्तावेज मौजूद है हम आगे लड़ सकते है।