सुदर्शन टुडे गुना
सिक्ख समाज के दसवें गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व श्रद्धापूर्वक और उत्साह के माहौल में आज मनाया जा रहा है। इसके लिए स्थानीय गुरुद्वारों पर आयोजन हो रहे हैं। गुरुद्वारों को विशेष आर्कषक बिजली लाइटों से सजाया गया, बीती शाम नगर कीर्तन का आयोजन हुआ। आज भी कई धार्मिक आयोजन चल रहे हैं, धार्मिक कार्य के बाद लंगर का आयोजन हुआ। समाज के लोगों ने श्रद्धापूर्वक आयोजन में भाग लिया और गुरुद्वारे में सेवा भक्ति की। मिंटू सरदार ने बताया कि हिंदू धर्म की खातिर साहेबजादे शहीद हुए। गुरु के पिता नोवे गुरु गुरु तेग बहादुर जिनको हिंद हिंदुस्तान की चादर भी कहते हैं उस समय औरगंजेब का शासन था जो सवामन जनेऊ रोज जलाकर भोजन ग्रहण करता था तब उन्होंने बलिदान दिया और 9 वर्ष की आयु में गुरु गोविंद सिंह ने गद्दी संभाल कर मुगल शासकों को टक्कर दी और आज हमारा हिंदू धर्म बचा हुआ है। अगर उन्होंने अपने चारों बेटों का बलिदान नहीं दिया होता तो धरती पर हिंदुस्तान नहीं होता। प्रकाश पर्व पर आज अखंड पाठ साहब की समाप्ति के बाद कीर्तन दरबार इसके बाद लंगर हुआ और शाम को पाठ, बच्चों के कार्यक्रम और रात में अमन दीप अमृतसर द्वारा कीर्तन और कथा का आयोजन होगा। इसी के साथ धूमधाम से प्रकाश पर्व मनेगा। दसवें गुरु 16 दिसंबर 1666 पटनाबिहार में पिता तेग बहादुर मां गुजरी के घर हुए, जिनका आज 358वां प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है, जो धरती पर पहले गुरु हुए जिनके धर्म की रक्षा के लिए अपने पिता चार साहिबजाते मां भी कुर्बान हुए।