सुदर्शन टुडे गंजबासौदा (नितीश कुमार)।
क्षेत्र की विधायक श्रीमती लीना जैन को स्थानीय रजक समाज ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपते हुए रजक समाज को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने की मांग की। ज्ञापन में बताया गया है कि देश में एक विधान एक संविधान (डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर द्वारा निर्मित) प्रचलित है तथा एक निशान तिरंगा झंडा स्वीकार है। फिर मध्यप्रदेश में रजक धोबी जाति के साथ दोहरापन क्यों अपनाया जा रहा है।भारत सरकार द्वारा प्रकाशित भारत का राजपत्र भाग -1 सोमवार 22 सितम्बर 1976 को मिनिस्ट्री ऑफ लाॅ जसिटस एंड कंपनी अफेयर्स द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति आदेश प्रकाशित किया गया है।उक्त संविधान संशोधन के अनुसार किसी प्रदेश के एक जिले में कोई जाति अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति के अंतर्गत आती है तो उसे सम्पूर्ण प्रदेश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति के अन्दर समाविष्ट कर लिया जावेगा, का संशोधन किया गया है और गजट नोटिफिकेशन के अंतर्गत पेज क्र. 1386 के अनुक्रमांक 30 पर धोबी जाति का भी उल्लेख है। तो वही सम्पूर्ण राजस्थान में अन्य जातियों के साथ अनुसूचित जाति में सम्मिलित कर लिया गया है, और राजस्थान में सम्पूर्ण रजक धोनी समाज इसका लाभ प्राप्त कर रही है। किन्तु मध्यप्रदेश के तीन जिले रायसेन, सीहोर और भोपाल में धोबी जाति अनुसूचित जाति में 1950 के पूर्व से शामिल है फिर भी उक्त 1976 के संशोधन के आधार पर रजक धोबी समाज को सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति का दर्जा नही दिया जा रहा है। 1976 के संशोधन के आधार पर सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में रजक धोबी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किये जाने हेतु भारत सरकार के राजपत्र का पालन करने हेतु यथोचित कार्यवाही किए जाने हेतु समस्त रजक धोबी समाज सरकार से अपेक्षा करता है। ज्ञापन देने वालों में राजकुमार मालवीय, सुदीप मालवीय, दशरथ मालवीय, कैलाश, लालेश, सुनील मालवीय, रमेश, राकेश, राधे मालवीय, अमित, ऋतिक आदि उपस्थित रहे।