सुदर्शन टुडे न्यूज जिला ब्यूरो चीफ हीरा सिंह उइके की रिपोर्ट
मंडला। अक्षय तृतीया व अन्य विवाह मुहुर्तों के अवसर पर विवाह की संख्या अत्यधिक होती है। इन विवाहों में कई बार बालक की आयु 21 वर्ष एवं बालिका की आयु 18 वर्ष से कम पायी जाती है जो कि बाल विवाह की श्रेणी में आता है। बाल विवाह रोकथाम हेतु निर्मित बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 9 अंतर्गत वर-वधु के माता-पिता के साथ-साथ संबंधित सेवा प्रदाताओं को भी 2 साल का कठोर कारावास एवं 1 लाख रूपये का जुर्माना दोनों सजा हो सकती है।समस्त सेवा प्रदाताओं (बैंड वाला, बग्गी वाला, टैंट, केटर्स, प्रिटिंग प्रेस, पंडित, एवं अन्य) से अनुरोध किया गया है कि जिस विवाह कार्यक्रम हेतु आपके द्वारा सेवाऐं प्रदान की जा रही है उस विवाह में वर-वधु की आयु की पुष्टि आवश्य कर लें। यदि विवाह हेतु निर्धारित आयु 21 वर्ष 18 वर्ष नहीं है तो सेवाऐं प्रदान करने से मना करते हुये समीप के कार्यालय महिला एवं बाल विकास, मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अथवा जिला कंट्रोल रूम (दूरभाष क्रमांक 07642-252699) को सूचित करें ताकि समय पर बाल विवाह रोका जा सके। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा।