सुदर्शन टुडे समाचार जिला ब्यूरो चीफ रामेशवर लक्षणे बैतूल
टेमुरनी पंचायत सचिव रामदास पंडोले उड़ा रहा आरटीआई आवेदन पत्र का माखौल
बैतुल जिले के आठनेर ब्लाक के ग्राम पंचायत टेमुरनी में बीते शुक्रवार को लोक सूचना अधिकारी सचिव द्वारा लगातार पंचायत में अनुपस्थिति के कारण आए दिन ग्रामीणों को अपने कार्य कराने परेशानी उठानी पड़ती हैं आवेदन पत्र तक देने के लिए परेशान होना पड़ता है जबकि शासन-प्रशासन आए दिन गाहे बगाहे कार्यक्रमों में जनता हितेषी बातें बोलकर खुब वाहवाही लूटते हैं की आप ग्राम पंचायत में पदस्थ सचिवों के पास जाकर अपनी सिर्फ समस्याएं बताए वहां आपको आवेदन पत्र लिखकर नहीं देना पड़ेगा यह जिम्मेदारी हमारे पंचायत सचिव की हैं कि वह हर समस्या का निदान करें और आपको सभी योजनाओं का लाभ दिलवाए किसी भी महत्वकांक्षी योजना से वंचित ना किया जाए वह आपकी सारी समस्याओं को खुद लिखेगे और उसे शासन-प्रशासन तक पहुंचाऐंगे किंतु आठनेर जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत टेमुरनी सचिव द्वारा ऐसे किसी भी निर्देश और आदेशों का पालन करने में कोई रुचि नहीं दिखाई देती है ऐसा ही एक मामला जो सामने आया है उसमें आरटीआई कार्यकर्ता विशाल भालेकर द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत ग्राम पंचायत टेमुरनी में संधारित कुछ दस्तावेजों की जानकारी चाही गई थी जिसे मांगने शुल्क भुगतान करने सहित ग्राम पंचायत टेमुरनी गए थे किन्तु एक पढ़े-लिखे जागरूक युवक को जब इतनी परेशानियों का सामना पंचायत सचिवों की कारगुजारी के कारण उठाना पड़ता है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे अशिक्षित अनपढ़ ग्रामीणों का शोषण इन पढ़े-लिखे कुछ सचिवों के द्वारा आए दिन किया जाता होगा जबकि आरटीआई कार्यकर्ता विशाल भालेकर द्वारा उन्हें फोन पर सूचना दी गई थी की मैं ग्राम पंचायत टेमुरनी में आया है लेकिन पंचायत के सचिव रामदास पंडोले ने उन्हें बताया कि वह भोपाल मीटिंग में है सचिव महासभा की मीटिंग होने के कारण वह पंचायत में उपस्थित नहीं है जबकि सचिव स्वयं के द्वारा शुक्रवार को पंचायत में बुलाया था फोन कॉल के माध्यम से उनसे बात हुई थी उनके द्वारा बताया गया कि वह पंचायत में है जब वे पंचायत में पहुंचे तो वह बताने लगे कि वह आठनेर आ चुके हैं जबकि ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार सचिव पंचायत में ही थे है उसके पश्चात लोक सूचना अधिकारी से बात करने के दौरान उन्होंने कहा कि वे आठनेर में है आप आठनेर आ जाए मैं आठनेर में हूँ वह मुझे वहीं पर मेरी आरटीआई लेकर के मुझे पावती वापस कर देंगे परंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और मैने उन्हें कहा कि मैं पंचायत से बाहर नहीं आऊंगा फिर तत्काल जनपद पंचायत इंस्पेक्टर से फोन कॉल के माध्यम से बात हुई कि पंचायत सचिव को जब यह सूचना दी कि मैं आरटीआई लगाने पंचायत आया परंतु यहां पर लोक सूचना अधिकारी उपस्थित नहीं है मैंने उन्हें फोन कॉल के माध्यम से भी जानकारी दी थी परंतु वे मुझे आठनेर बुला रहे हैं तब उनके द्वारा कहा गया कि मोबीलाइजर से बात करा दो मैंने बात कराई जनपद पंचायत इंस्पेक्टर ने कहा मोबाइल लाइजर के द्वारा सील साइन करके पावती वापस ले लूं जब मैं मोबाइल लाइजर से बात कराई परंतु उन्होंने आरटीआई लेने से मना किया और कहा कि वह लोकसूचना अधिकारी को बुला रही हैं उनके कहने पर भी लोकसूचना अधिकारी नहीं आए। उसके पश्चात मोबिलाइजर ने कहा कि लोक सूचना अधिकारी अगर आरटीआई नहीं ले रहे हैं तो मैं कैसे इसे ले सकती हूं मैं वहां से वापस लौट गया और मेरे द्वारा कहा गया कि मैं 5000 बजे तक यहीं बैठूंगा उसके पश्चात सरपंच ने मुझे कहा कि मैं आठनेर चला जाऊं और वही लोक सूचना अधिकारी से बात कर लू मैंने उन्हें मना कर दिया और मेरे द्वारा जिला पंचायत सीईओ को फोन लगाया गया परंतु उनसे संपर्क नहीं हो पाया इसके दौरान ग्राम पंचायत के उप सरपंच ने मुझे बुलाया और मुझ पर दबाव बनाने की कोशिश की गई डराया धमकाया गया। मेरे पास ग्राम पंचायत सचिव का फोन आया उन्होंने मुझे आठनेर बुलाया मैंने उन्हें मना कर दिया परंतु उपसरपंच के बर्ताव से लड़ाई झगड़े से डर कर दबाव में बिना उनसे बहस किए मेरे द्वारा सचिव से बात की गई और उन्हें कहा गया. कि मैं आठनेर आ रहा हूँ जब मैं आठनेर पहुंचा तो पंचायत के सचिव के द्वारा कहा गया कि वे पंचायत आ गए हैं मैं वहां आ जाऊं मैंने कहा कि आपसे जब मेरे द्वारा बात की गई थी तो आपने कहा था कि आप आठनेर में है मैं वहां आपसे मिल लूं जब मैं आठनेर आया तो आप पुनः पंचायत क्यों गए तो उन्होंने जवाब दिया कि वे आरटीआई नहीं लेना चाहते हैं मैं वाय पोस्ट के माध्यम से भेज दूं तो वह मुझे जानकारी दे देंगे इसके बाद में वापस लौट गया और मेरी आईटीआई नहीं ली गई अब बड़ा सवाल जिले के आला अधिकारियों से है कि वह एक तरफ सुशासन की बात करते नहीं थकते पारदर्शिता की बात करते हैं वहीं इनके अधीनस्थ पंचायत में पदस्थ सचिव ग्रामीणों के साथ कैसे दुव्यवहार करके भ्रष्टाचार अराजकता को बढ़ावा दे रहे हैं. कैसे नियम कानून अधिनियम की धज्जियां उड़ा कर माखोल खड़ा करते हैं लोक सूचना अधिकारी के झूठे आश्वाशन और इस तरह के बर्ताव पर शासन प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जानी चाहिए यह वे स्वयं जानते हैं