सुदर्शन टुडे समाचार जिला ब्यूरो चीफ रामेशवर लक्षणे बैतूल
ब्राड एम्बेशेडर की कबाड़ा कलाकृति ने सिर पर ला दिए 9 टाके
बैतूल, तथाकथित स्वच्छ भारत में नम्बर वन की रेकिंग लाने के चक्कर में बैतूल नगर पालिका की दिमागी कसरत ने दनोरा के एक मासूम बच्चे की जान लेनी चाही। ग्राम दनोरा निवासी श्रीमती दुर्गा पति शंकर सरले निवासी दनोरा बैतूल ने बताया कि वह दोपहर को बैतूल अपने पांच साल के बेटे को लेकर आई थी। शाम को दनोरा जाने वाली टैैक्सी का नगर पालिका के गेट के पास पेड़ के नीचे इंतजार कर रही थी। इस बीच उसका 5 साल का बेटा अनमन पास में दिवार पर लगे कबाड़े से बने चक्र से के पास खड़ा था कि अचानक भारी भरकम चक्र उस पर जा गिरा जिससे उसका बच्चा लहुलुहान हो गया। बच्चे को जिला चिकित्सालय लोगो की मदद से पहुंचाया लेकिन नगर पालिका से कोई उसकी मदद करने नहीं आया। गरीब परिवार की हाथ मजदूरी करने वाली महिला श्रीमती दुर्गा पति शंकर सरले निवासी दनोरा बैतूल ने बताया कि उसके बच्चे के सिर में 9 टाके लगे हुए है। बच्चे का हाथ एवं पैर तथा शरीर भारी – भरकम कबाड़े से चक्र से घायल हो गया है। खबर लिखे जाने तक नगर पालिका मुख्य अधिकारी अक्षय बुंदेला उस गरीब महिला जिसका पति विकलांग है उसके बच्चे को देखने तक नहीं आया। बैतूल नगर पालिका को इन दिनो अपनी स्वच्छता ब्राड एम्बेशेडर श्रीमती नेहा गर्ग के तथाकथित कबाड़े से बनाई जा रही कलाकृतियों को चौक – चौराहो पर खड़ा करने की बिमारी लगी हुई है। नगर पालिका ने राहगीरो एवं वाहन चालको का ध्यान भटकाने वाले तथाकथित कबाड़े से बने मोर, चिडिय़ा, कछुआ, मछली को स्थापित कर रखा है। नगर पालिका कबाड़े से बनी तथाकथित कलाकृतियों के बहाने अपनी स्वच्छता रेकिंग को बढ़ाने के चक्कर में अब लोगो की जान की दुश्मन बनने लगी है। पहला प्रकरण सामने आने के बाद अब सवाल उठने लगा है कि इस तरह चौक – चौराहो पर कबाड़ा के पुतले यदि लोगो पर गिरने लगेगें तो लोगो की जान जाने से कोई नहीं रोक सकता। बैतूल जिला कलेक्टर के संज्ञान में मामला लाने के बाद उनके द्वारा उचित कार्रवाई का यकीन दिलाया गया लेकिन बेशर्मी की हद तो देख लीजिए नगर पालिका प्रशासन से न तो पालिका अध्यक्ष उस गरीब बच्चे को देखने पहुंची और न मुख्य नगर पालिका अधिकारी …?