संजय गोस्वामी
शुजालपुर में इन दिनों अवैध खनन का धंधा जोरों पर शुजालपुर जमधड़ नदी हो या नेवज नदी दोनो नदियों को छलनी करने के लिए भू माफिया दिन रात एक कर रहे हैं वही खनिज विभाग के अधिकारी चुनाव के बहाना लेकर व्यस्त है तो वही खनिज माफिया अपनी जेब भरने में मस्त हैं एक तरफ शाजापुर कलेक्टर अवैध खनन को रोकने में लगी है तो दूसरी तरफ विभागीय नुमाइंदे अवैध खनन माफियाओं पर करवाई ना कर के अवैध उत्खनन को बड़ावा दे रहे है नदी गहरी कारण में पूरी नदी का गहरी कारण होना चाहिए लेकिन यहां पर कुछ उल्टा ही हो रहा है जहा पर रेत और मुरम है वही पर गहरी कारण हो रहा बाकी पूरी नदी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है
*शुजालपुर के नागरिकों ने कई बार नदी को सफाई की मांग की की है उस मांग पर किसी का भी ध्यान नहीं
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शुजालपुर के नागरिकों ने कई बार जमदड़ नदी की सफाई की मांग की पर नगरपालिका प्रशासन का अभी तक उस कोई ध्यान नही है आखिर क्यों खनन माफियाओं को अवैध उत्खनन का मौखिक परमिशन दी गई कार्तिक पूर्णिमा पर हर साल दीपदान वा चुनरी चढ़ाई जाती है लेकिन जम धड नदी में गंदगी का अंबार लगा रहता उस पर कई बार शुजालपुर के नागरिकों ने नरजगी भी जताई है और प्रशासन को अवगत भी कराया है
*नदी बचाओ अभियान हवा हवाई*
नदियों का मायका कहलाने वाले मध्यप्रदेश में अब नदियां सुरक्षित नहीं हैं। नदी बचाओ समृद्धि लाओ, वृक्षारोपण सहित अन्य अभियान चलाकर शासन द्वारा नदियों को संरक्षित किए जाने पर जोर दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर अवैध उत्खनन के चलते नदियों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। इसपर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। बेतहाशा अवैध उत्खनन के परिणामस्वरूप नदियां खत्म हो रहीं हैं। अवैध उत्खनन से जहां खनिज संपदा के रूप में शासन को करोड़ों रूपयों की हानि पहुंचायी जा रही है, वहीं खुदाई से नदियों का स्वरूप भी बिगड़ रहा है। नदियों से अवैध उत्खननकर्ता दिन दहाड़े ही कीमती रेत, मिटटी और मुरूम निकालकर परिवहन कर रहे हैं। इन पर प्रशासन की नजर नहीं है, ऐसे में अवैध उत्खनन कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं जमधड नदी नेवज नदी सहित अन्य नदियों पर प्रतिदिन अवैध उत्खनन करते हुए देखा जा सकता है
*नदियों के किनारे कर रहे प्रभावित*
वर्तमान में पानी नहीं होने के कारण ज्यादातर नदियां सूखी पड़ी हुई है। इसका फायदा उठाकर अवैध उत्खननकर्ताओं द्वारा नदियों के किनारे से मिट्टी निकाली जा रही है। जमधड नदी से बड़ी मात्रा में अवैध उत्खनन किया जा रहा है। जमधड़ नदी पर करीब एक किमी क्षेत्र में मिट्टी का अवैध उत्खनन किया गया है। ऐसे में नदी का स्वरूप प्रभावित हुआ। इस प्रकार के अवैध उत्खनन से नदी का बहाव भी प्रभावित होगा, जिससे बाढ की स्थिति भी निर्मित होती है। वहीं आसपास के इलाकों में भी पानी भर जाएगा। इसी तरह अन्य नदियों के किनारे से अवैध उत्खनन किया जा रहा है।
*पोकलैंड डंपर से कर रहे हैं अवैध परिवहन
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नदियो से रेत, मिट्टी, मुरूम के अवैध परिवहन के लिए बड़े बड़े डंपर का सहारा लिया जा रहा है। नदी के अंदर तक कच्चे रास्ते से वाहन पहुंचाए जा रहे हैं जिसके बाद उसका अवैध परिवहन किया जाता है। अवैध उत्खनन कारोबारियों द्वारा नदियों से निकलने वाली काली रेत मन माफिक रूपए में बेची जाती है। इनकी शासकीय दर बहुत अधिक है लेकिन बिना रायल्टी और शुल्क के मिलने वाली इस खनिज संपदा के चलते अवैध कारोबारियों द्वारा कम दाम पर लोगों तक पहुंचा दी जाती है।
इनका कहना है हमने कोई लिखित परमिशन नही दी मौखिक परमिशन दी है
नगरपालिका सी एम ओ पवन अवस्थी