जिला ब्यूरो रूपेन्द्र राय
निवाड़ी। जैसे जैसे गर्मी का प्रकोप बड़ रहा है वैसे वैसे पानी की कीमत महसूस हो रही है। ऐसे में बरसात शुरू होने के ठीक पहले परमार्थ समाज सेवी संस्थान, निवाड़ी जनपद की 40 पंचायतों के 63 गांवों में से 28 चयनित गांवों में मास कैंपेन के अंतर्गत पेयजल अभियान जादू के खेल के साथ चला रहा है, जिसमें पेयजल रथ गांव गांव में जाता है, भीड़ इकट्ठी करता है, बच्चों,महिलाओं और लोगों को जादू का खेल दिखाकर उनका मनोरंजन किया जाता है, जादू के खेल के बीच में संस्थान द्वारा जल संरक्षण, जल संवर्धन और स्वच्छता के प्रति सजग करने के लिए जागरूकता संदेश भी दिया जाता है, और उनसे हम शपथ भी लेते है की भविष्य में वे सभी पानी बर्बाद नहीं करेंगे।परमार्थ संस्थान का मास कैंपेन 18 मई से शुरू हुआ था और कैंपेन 26 मई को जनपद सभागार में समापन कार्यक्रम के साथ समाप्त जायेगा। बुंदेलखंड जैसे सूखाग्रस्त क्षेत्र में पानी की कमी ऐसी गर्मी और तपन की स्थिति में सबसे ज्यादा महसूस की जा रही है, क्योंकि ये क्षेत्र पहले से ही पानी की कमी का सामना कर रहा है उस पर ये गर्मी लोगों को पानी की असली कीमत का अहसास करा देती है। गर्मी में भोजन से भी ज्यादा पानी की जरूरत पल पल पड़ती है। शिक्षा की कमी होने के कारण इस क्षेत्र के लोग पानी की बर्बादी अधिक करते है, आज ये समझना की पानी ऐसा ही हमारे पास बना रहेगा, सबसे बड़ी मूर्खता है। हमारे पास 1% से भी कम पानी है जिसे हमें बड़ी सजगता से खर्च करना चाहिए ताकि आगे आने वाली हमारी भविष्य की पीढ़ी के लिए कुछ पानी तो बच सके। हमारे पास सीमित मात्रा में पानी है इस मात्रा को हम बड़ा नही सकते है, इस स्थिति में हमारा ये दायित्व हो जाता है कि जो पानी हमारे पास है उसे बचा लें,सजगता से खर्च करें, पानी की मात्रा और भूगर्भ का जल स्तर बढाने के लिए कुछ मजबूत प्रयास किए जा सकते है।