सुदर्शन टुडे न्यूज़ ब्यूरो चीफ खरगोन
मछली आखेटक की लाड़ली राष्ट्रीय प्रतियोगिता में दिखाएगी हुनर
खरगोन /खेलों इंडिया एक अवसर भी है ऐसे सैकड़ांे युवा खिलाड़ियों के लिए जो कम संसाधनों में बावजूद अपने हुनर में माहिर है। जो बिना कौचिंग और सुविधाओं के बगैर अपने जोहर छोटी-छोटी प्रतियोगिताओं और स्थानीय स्तर पर खेल दिखाकर कसौटियों पर खरे उतर रहे हैं। ऐसी ही कसौटी पार करके मानसी बॉथम भी खेलों इंडिया-2022 के द्वार तक आ पहुँची है। जब मानसी 11 वर्ष की थी उसी समय पापा की हार्ट अटैक से निधन हो गया। मानसी बॉथम 2020 से पहले भोपाल के छोटे तालाब में घर चलाने के लिए बड़े भाई का सहयोग किया करती थी। वो अपने बड़े भाई का मछली पकड़ने में हाथ बंटाया करती थी। पापा भी मत्स्याखेट कर परिवार का गुजारा करते थे। लेकिन ये सब भाई को पसंद नहीं था कि बहन ये सब काम करें। आखिर मोहल्ले में ही एक एडवेंचर स्पोर्ट्स हुआ जिसमें पहली बार मानसी शामिल हुई। इसके बाद मप्र खेल अकादमी के लिए ट्रॉयल हुआ। नाव चलाने का हुनर तो था ही मानसी इस कसौटी पर भी खरी उतरी। इसके बाद मानसी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब वो खेलों इंडिया-2022 में अपने हुनर के बल पर कैनो स्लेलॅम में मेडल के लिए सहस्त्रधारा में उतरने वाली है।केरला के मालाबार फेस्टिवल सहित 2 नेशनल खेल चुकीमानसी बताती है कि वो ओलंपिक में खेलकर देश का नाम रोशन करना चाहती है। वर्ष 2021-22 में रेहटी और महेश्वर में नेशनल चैंपियनशिप में भाग ले चुकी है। इसके अलावा केरला में मालाबार फेस्टिवल में भी शामिल हुई है। मानसी बड़े भाई से प्रेरणा लेकर यहां तक पहुँची है। 3 बहनों और 1 भाई में सबसे छोटी मानसी ओलंपिक में खेलकर मेडल जीतना अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सपना मानती है।