सुदर्शन टुडे संवाददाता। नसरुल्लागंज
मां आदिशक्ति जगदंबा भगवती भुवनेश्वरी ज्ञानेश्वरी पहाड़ों वाली शेरोवाली की आरती और शंखो की गूंज से शाम होते ही गांव का माहौल धर्ममय हो जाता है बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे युवा बुजुर्ग दर्शनथी पंडालों में जमा होने लगते हैं ग्राम नीलकंठ जो भगवान नीलकंठेश्वर महादेव जहां मां नर्मदा कौशल्या संगम पर विराजमान है उन्हीं के नाम पर रखा गया इस गांव का नाम यहां पर केवट समाज के लोगों ने अद्भुत अलौकिक मन मोहक मां जगदंबा की मूर्ति ब्राह्मण द्वारा स्थापित की विधि विधान से पूजा अर्चना कर आरती की जा रही है शाम होते ही दूधिया रोशनी से चमकता पांडाल उसमें विराजित मां अंबे गौरी के अद्भुत दर्शन से मन गदगद होने लगता है
पंडित दिनेश शर्मा ने बताया कि इन दिनों दुर्गा उत्सव के चलते एवं मां नर्मदा मैं स्नान ध्यान कर भोले बाबा की पूजा अर्चना कर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां जगदंबे अंबे गोरी के दर्शन करने के लिए दुर्गा पांडाल पहुंच रहे हैं महिलाओं बुजुर्ग बच्चे युवाओं के द्वारा उपवास किए जा रहे हैं आदि शक्ति जगदंबा की उपासना उपवास करने का धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व है आदि शक्ति जगदंबा भुवनेश्वरी ज्ञानेश्वरी बिंदेश्वरी बिजासन दुर्गा का उपवास रखने से घर परिवार में सुख समृद्धि एवं अनेक कष्टों से बचाव होता है मां अंबे गौरी की कृपा हमेशा अपने भक्तों पर बनी रहती है
वही दुर्गा उत्सव समिति नीलकंठ के लोगों में अति उत्साह देखने को मिला समिति सदस्य नवनिर्वाचित सरपंच संतोष वर्मा उपसरपंच मोनिका पूनमचंद केवट सचिव रामकृष्ण पवार एवं वरिष्ठ नागरिक यजमान राधेश्याम केवट व सुदीप केवट छीतर केवट संतोष केवट चंपालाल केवट अजय यादव सहित समस्त ग्रामीणजन