मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था केंद्र है
बदनावर। बखतगड़ के मजरा बागड़ स्थित अति प्राचीन मंदिर नींबोदी माता मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन गया है करीब 15 सौ साल पूर्व मैं निर्माण हुआ था मंदिर का बड़े बुजुर्ग कहते हैं की यह मंदिर पांडव कालीन मंदिर है। यहा जो भी भक्त आता है माता का आशीर्वाद उसे अवश्य मिलता है। देवी माँ दिन में तीन रूप बदलती है और माताजी का स्वरूप अलग-अलग समय परिवर्तित होता रहता है देवी माँ को ब्राह्मणी देवी भी कहा जाता है ऐसी मान्यता है की जो भी यहां सच्चे मन से माता के दर्शन कर आशीर्वाद लेता है उसे अवश्य माता आशीर्वाद देती है। यहां पर सेवा भाव अग्निहोत्री पंडित परिवार द्वारा की जाती है और नगर व आसपास के लोग माता की श्रद्धा पूर्वक पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।अति प्राचीन मां नींबोदी माता
मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था केंद्र है
बदनावर। बखतगड़ के मजरा बागड़ स्थित अति प्राचीन मंदिर नींबोदी माता मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन गया है करीब 15 सौ साल पूर्व मैं निर्माण हुआ था मंदिर का बड़े बुजुर्ग कहते हैं की यह मंदिर पांडव कालीन मंदिर है। यहा जो भी भक्त आता है माता का आशीर्वाद उसे अवश्य मिलता है। देवी माँ दिन में तीन रूप बदलती है और माताजी का स्वरूप अलग-अलग समय परिवर्तित होता रहता है देवी माँ को ब्राह्मणी देवी भी कहा जाता है ऐसी मान्यता है की जो भी यहां सच्चे मन से माता के दर्शन कर आशीर्वाद लेता है उसे अवश्य माता आशीर्वाद देती है। यहां पर सेवा भाव अग्निहोत्री पंडित परिवार द्वारा की जाती है और नगर व आसपास के लोग माता की श्रद्धा पूर्वक पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।