Sudarshan Today
राजगढ़

शिक्षा एवं बाल अधिकार यात्रा का हुआ समापन बाल विवाह रुकेंगे तभी शिक्षा स्वास्थ्य, पोषण सुनिश्चित हो सकेगा

देवराज चौहान सुदर्शन टुडे राजगढ़

राजगढ़।अहिंसा वेलफेयर सोसायटी द्वारा विगत 10 दिनों से शिक्षा एवं बाल अधिकार यात्रा राजगढ़ जिले के 20 गांवों में निकाली गई है। जिसका मंगलवार को मादापुरा एवं पिपिल्या गांव में समापन किया गया। इस दौरान अहिंसा चाइल्डलाइन की टीम द्वारा उपस्थित बच्चों एवं ग्रामीण लोगों को बताया कि हमारे राजगढ़ जिले में बाल विवाह जैसी कुप्रथा सदियों से चली आ रही है। जिसके कारण बच्चों पर इसका सीधा असर पड़ता है, क्योंकि बाल विवाह करने से बच्चों की पढ़ाई छूट जाती है उसका शारीरिक एवं मानसिक विकास छूट जाता है। इसलिए हम सबको ठान लेना चाहिए कि हमारे आसपास कहीं भी बाल विवाह कि सूचना मिले तो निश्चित ही शासन- प्रशासन के साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन के 1098 टोल फ्री नंबर पर बताएंगे।
बताया कानून- बताया कि विवाह की उम्र लड़के की 21 वर्ष एवं लड़की की उम्र 18 वर्ष से अधिक होना चाहिए। अगर निर्धारित उम्र से कम उम्र के बालक बालिका का विवाह होता है तो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार विवाह में सहभागिता करने वाले समस्त लोगो पर कार्यवाही एवं आर्थिक दंड का प्रावधान है।
क्या है शिक्षा का महत्व- कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों एवं ग्रामीणों को बताया कि प्रत्येक बच्चे के प्रत्येक अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। इसलिए हम सबको एक संकल्प लेना चाहिए कि प्रत्येक बच्चे को उसका अधिकार कैसे मिले और वह अपने किसी भी अधिकार से वंचित ना रहे। इसको लेकर वयस्क एवं परिजनों को अपने कर्तव्य के प्रति ध्यान देना पड़ेगा तभी जाकर हर बच्चे को अधिकार दिला पाएंगे। क्योंकि हर बच्चे को अच्छा जीवन स्तर पाने का अधिकार है। जिसमें उसका पर्याप्त मनसिक, शारीरिक, बौद्धिक, नैतिक और सामाजिक विकास हो सके। उसे पर्याप्त पोषण आहार एवं दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तु का मिलना जरूरी है। तभी बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास के साथ ही बौद्धिक एवं नैतिक विकास संभव है। अहिंसा की शिक्षा एवं बाल अधिकार यात्रा का मंगलवार को समापन किया गया। यात्रा का मुख्य उद्देश्य बच्चों को उचित शिक्षा, स्वास्थ्य एवं बाल अधिकार था, इसके बाद अहिंसा की टीम लगातार गाँवो में जाकर बच्चों को नियमित शिक्षा के लिए प्रेरित करेगी। इसी के साथ बच्चों एवं ग्रामीणों को बताया कि बहुत सारी कुप्रथा है गांव में सदियों से चली आ रही है उसको समाप्त कर हमें बच्चों को पढ़ा कर उनका बेहतर भविष्य बनाना है। हमें निश्चित रूप से कार्य करना पड़ेगा कि प्रत्येक बच्चा हमारे देश का भविष्य तो है ही वर्तमान भी है इसलिए बच्चे को पढ़ाना हम सब का मूलभूत कर्तव्य है। पूरी यात्रा में मुख्य रूप से अहिंसा वेलफेयर सोसायटी डायरेक्टर अरुण सातालकर, दीपमाला दांगी, दिनेश सोलंकी, मनीष दांगी अहिंसा चाइल्डलाइन, शानू जाटव, रमेश दांगी
,निकिता साहू, रजनी प्रजापति,बालू विश्कर्मा,राहुल गोर, नितेश व्यास, नरेंद्र व्यास, अस्मिता दांगी, निकिता मेवाड़े के साथ ही अहिंसा वेलफेयर सोसायटी के सामाजिक कार्यकर्ता रितेश शर्मा, आयुष जाटव, रानू राजपूत, सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता एवं ग्रामीण बच्चे एवं ग्रामीण वयस्क महिला एवं पुरुषों का विशेष सहयोग रहा। आपको बता दे कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य शिक्षा एवं बाल अधिकार था। जिससे कि जिले के प्रत्येक बच्चो को बुनियादी शिक्षा मिले एवं उचित पोषण मिले। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो में पनप रही बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को समाप्त किया जा सके।

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