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dindoriमध्य प्रदेश

वन विभाग की हरकत के विरोध में बैगाचक के गौरकंहारी वन क्षेत्र में बैगा महापंचायत का हुआ आयोजन…

सुदर्शन टुडे भास्कर पाण्डेय एम.पी.हेड…

 

सुदर्शन टुडे डिंडौरी… वन परिक्षेत्र समनापुर अंतर्गत वन ग्राम सिमरधा में बुधवार की विशेष संरक्षित जनजाति बैगा आदिवासियों के साथ वन कर्मियों द्वारा की गई मारपीट और बैगा किसानों की खड़ी फसल को बलपूर्वक जानवरों से चराने का मामला सुलग गया है।वन विभाग द्वारा की गई। इस अमानवीय हरकत के विरोध में बैगाचक के गौरकंहारी वन क्षेत्र में बैगा महापंचायत का आयोजन शुक्रवार को किया गया।इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते की मौजूदगी में बैगा समुदाय के साथ लगातार हो रही अन्याय पूर्ण कार्रवाई के विरुद्ध ब्रह्द आंदोलन की रणनीति भी तैयार की गई है।जानकारी है कि आगामी दिनों में आंदोलन को अंजाम दिया जावेगा।गौरतलब है कि वन विभाग ने रिर्जव फारेस्ट एरिया में अतिक्रमण करार देकर यहाँ दशकों से काबिज बैगाओं को बलपूर्वक बेदखल करने की साजिश के बीच बुधवार को बैगा कृषकों के खेतों में मवेशी छोड़ दिये थे।इस दौरान कार्रवाई का विरोध कर रही बुजुर्ग बैगा महिलाओं के साथ मारपीट और अभद्रता को भी अंजाम दिया गया था। मामले की जानकारी लगते ही जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते गुरूवार को बैगा आदिवासियों से मिलने पहुंचे थे।यहाँ उन्होंने बैगा आदिवासियों का हाल जानने के साथ बुधवार को वन कर्मियों और आदिवासियों के बीच हुए विवाद को लेकर वन विभाग पर नाराजगी जताई थी। जिला पंचायत अध्यक्ष को बैगा आदिवासियों ने बताया कि उक्त भूमि पर उनका करीब 20 वर्षों से कब्जा है और बैगा उसी भूमि पर खेती करते आ रहे हैं।इसलिए बैगा समुदाय किसी भी स्थिति में जमीन नहीं छोड़ेंगे। बताया गया कि विवाद में ग्रामीण महिला मंगली बाई को हाथ मे चोट आने के चलते गांव में काफी आक्रोश नजर आ रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने ग्रामीणों को फसलों के नुकसान का मुआवजा और वन विभाग से वन अधिकार का पट्टा दिलाने की मांग की है।गौरतलब है कि बुधवार को समनापुर रेंज अंतर्गत वन ग्राम सिमरधा में वन विभाग ने वन भूमि में अतिक्रमण करार देकर बैगाओं द्वारा रोपी गई फसल और फलदार पेड़ों को बलपूर्वक मवेशियों से चरवा दिया था और बैगाओं की झोपड़ियों को तहस नहस कर दिया था।उक्त कार्रवाई में पुलिस विभाग ने भी वन अमले का साथ दिया था।बैगाओं का आरोप है कि कार्रवाई के पूर्व वन विभाग ने नोटिस भी जारी नही किया था और दशकों से फ़सल बोते समय भी वन अमला उन्हें मना नही करता था।इसके बाद अचानक ही बुधवार को उनकी फसल जानवरों से चरवा देने से उनको आर्थिक,मानसिक और शारीरिक नुकसान हुआ है।पूरे मामले की जानकारी लगते ही जिला पंचायत अध्यक्ष वन ग्राम सिमरधा पहुंचे और वन विभाग की कार्रवाई को गलत करार दिया है।बैगा महिलाओं के साथ हुई मारपीट पर उन्होंने नाराजगी जताते हुये वन विभाग के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। बैगा महापंचायत में ग्राम पंचायत अज़गर, कांदावानी, लम्होटा, धुरकुटा, तांतर, बम्हनी, गौरकंहारी सहित 13 पंचायतों के बैगा समुदाय के लोग शामिल हुए।

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