संवादाता आनंद राठौर
बडवाह—भगवान शिव का पवित्र मास श्रावण मास भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए काफी महत्व रखता हैं।गुरुवार से श्रावण मास की शुरुआत हो गई है।श्रावण मास में जहा नगर सहित ग्रामीण अंचल के शिवालयों में रौनक है।वहीं सभी शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना में लोग लीन हैं।
इस बार 29 दिन का सावन शास्त्र के अनुसार जो भक्त सावन के पावन महीने में भगवान भोलेनाथ की विधि -विधान से पूजा करते हैं, उनकी सारी मनोकामना पूर्ण होती हैं. सावन महीने के सोमवार को पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके अगर व्रत रखा जाए तो भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. इस बार श्रावण का पवित्र महीना 14 जुलाई से आरंभ होकर 12 अगस्त तक चलेगा. इस बार सावन में कुल 4 सोमवार आएंगे।
ये सावन कुंवारी लड़कियों के लिए खास
सावन के सोमवार कुंवारी लड़कियां के लिए काफी खास माने जाते हैं। कहते है कि सावन में भगवान शिव की उपासना करने से लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है. श्रावण मास का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है। इसके बाद दूसरा सोमवार 25 जुलाई,तीसरा सोमवार 1 अगस्त, चौथा सोमवार 8 अगस्त को आएगा. आखिरी सावन का दिन 12 अगस्त को शुक्रवार को होगा।
बन रहा है शुभ संयोग हिन्दू धर्मशास्त्रों में सावन माह का विशेष महत्व माना गया है।यह शिवजी को समर्पित महीना है।शिवजी का सबसे प्रिय माह सावन में भगवान भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा की जाती है।श्रावण मास में भगवान शिव की प्रेम भाव से अगर पूजा की जाए तो वो आपकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं. सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा, बेल पत्र, भांग के पत्ते या भांग, दूध, काले तिल, गुड़ आदि चढ़ाना शुभ माना जाता है।