संकल्प मिश्रा -जल संसाधन विभाग द्वारा कर्मचारियों के क्वार्टर करीब 3 करोड़ की लागत से बनाये जा रहे है जिसमे शुरुआती फाउंडेशन में ही गुणवत्ता को दरकिनार कर ठेकेदार द्वारा कार्य किया जाने का मामला संज्ञान में आया है । जल संसाधन संभाग कार्यालय नरसिंहगढ़ में मंदिर के पीछे सड़क की साइड में बन रहे क्वार्टर के फाउंडेशन बीम के लिए कम गहराई के गड्ढे खोदकर बीम खड़े कर दिए गए है वही बड़ा तालाब की बाउंडरी की तरफ बन रहे क्वार्टर के फाउंडेशन के लिए खड़े किए जाने वाले बीम के गड्डों की फिलिंग खोदे जाने के दौरान निकली काली मिट्टी व कच्चे कोपरे से कर दी गई है जबकि विशेषज्ञों की राय में उक्त फिलिंग मुरम से की जाना थी ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है शासन के करोड़ो रुपयों से किये जाने वाले निर्माण की शुरुआत में ही गुणवत्ता का ध्यान नही रखा जा रहा है तो बाद में किस प्रकार का निर्माण होगा । जनचर्चा की बात करे तो कहा जा रहा है कि जिस विभाग में इंजीनियर व अधिकारी बैठकर कार्य करते है वहाँ भ्रष्टाचार हो रहा है तो अन्य साइट जहाँ पर इंजीनियर की लगातार निगरानी नही रहती है वहाँ किस गुणवत्ता के सामने कार्य होते होंगे! उक्त मामले में जब अंकित सर्राफ को जानकारी दी गई तो ठेकेदार का पक्ष रखते हुए श्री सर्राफ ने कहा कि सड़क की साइड में फाउंडेशन ऊपर ही मिल गई थी इसलिए फाउंडेशन के कम गहराई के बीम खोदे गए गए है वही तालाब की साइड में काली मिट्टी निकलने से ज्यादा गहराई के गड्डे खोदे गए है। अब देखना होगा प्रशासन उक्त मामले में क्या कार्यवाही करते है।।क्या है मामला – जल संसाधन विभाग नरसिंहगढ़ द्वारा करीब 3 करोड रुपए की लागत से जल संसाधन क्लब ग्राउंड तथा डेम पर एफ, जी, एच, आई टाइप के क्वार्टर तथा गार्ड रूम का निर्माण किया जा रहा है। उक्त निर्माण कार्य की मजबूत फाउंडेशन तैयार करने के लिए गड्ढे खोदकर भी खड़े किए जा रहे हैं उक्त फाउंडेशन तैयार करने में गुणवत्ता को दरकिनार करते हुए फाउंडेशन के बीम खड़ी करने का मामला प्रकाश में आया है जिसमें कहीं कम गहराई पर बीम खड़े कर दिए गए हैं तो कहीं बीम की फीलिंग काली मिट्टी मिलाकर कर दी गई है।इनका कहना नरसिंहगढ़ – बीम की फीलिंग में पीली मिट्टी तथा कोपरे से की गई है दो ट्राली काली मिट्टी अन्य स्थान पर पौधों के लिए दी गई है।अंकित सर्राफ, इंजीनियर, जल संसाधन संभाग कार्यालय