सुदर्शन टुडे राहुल गुप्ता दमोह
दमोह- भाटखमरिया जबेरा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा मे.
आज के पावन प्रसंग में कथा व्यास जया देवी द्विवेदी ने गज ग्राह्म पूर्वजन्म का वृतान्त बताते हुए हमें कहा कि जीवन मे अपना एवं। अपनो की परीक्षा विपत्ति के समय होता है, रामचरित मानस का उदाहरण–
धीरज धर्म मित्र अरु नारी ।
आपात काल परखिये चारी।।
जब गज का पैर ग्राह ने पकडा तो उसके परिवार वालों ने उसका साथ छोड़ दिया और हरि भगवान ने उसकी रक्षा की।
उक्त वचनों के साथ महराज श्री ने कहा परिवार,संसार मे मन लगाने से अच्छा है ईश्वर में मन लगाएं वह आपकी सहायता जरूर करते हैं। इसी के साथ बलि बामन चरित्र की व्यख्या करते हुए कहा कि अहंकार के बशीभूत होकर कोई भी कार्य नही करना चाहिए क्योंकि परमात्मा ने उस अहंकार मय यज्ञ में मात्र तीन पग में ही अखिल ब्रह्मांड नाप लिया। इसी क्रम में समुद्र मंथन,गंगा अवतरण की कथा, श्री राम जन्म एवं श्री कृष्ण जन्मकि परम् पावन कथा को बताते हुए कहा कि जब मायापति का आगमन होता है तो माया का बन्धन अपने आप ही खुल जाता है ईश्वर की सन्निकटता ही विकट माया से बचा सकती है। आज बड़े धूम धाम से कृष्ण जन्मोत्सव झांकी बनाकर भक्तो को झूमने के लिए लालायित कर दिया। जिसमे मुख्य यजमान बेड़ी राय , रमेश राय , के साथ और भी जजमान तथा उक्त उद्गार के साथ ही कथा का विराम हुआ।