Sudarshan Today
DAMOH

द्वारिका के राजमहलो मे बड़ी धूमधाम से सम्पन्न हुआ था रूक्मिणी का विवाह-आचार्य पंडित रवि शास्त्री महाराज

जिला ब्यूरो राहुल गुप्ता दमोह

दमोह। ग्राम फुलर मे चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छटवे दिवस मे रूक्मिणी मंगल की कथा के पूर्व विधि विधान के साथ रूक्मिणी कृष्ण का दूध दही घृत शहद शर्करा गंगाजल नर्मदाजल से दिव्य भव्य स्नान कराया गया जिसके बाद कथा के मुख्य श्रोता यजमान  सुकई सिंह लोधी के द्वारा उनकी आरती उतारी गई कथा वाचक आचार्य पंडित रवि शास्त्री महाराज ने कहा कि द्वारिकापुरी के राजमहलो में रूक्मिणी का विवाह भगवान श्रीकृष्ण के साथ सानन्द हुआ था रूक्मिणी साक्षात् महालक्ष्मी का अंशावतार थी वह परमात्मा श्रीकृष्ण की आठ पटरानियो मे प्रथम पटरानी थी रुक्मिणी राजा भीष्मक की पुत्री थीं. जो विदर्भ के राजा थे. रुक्मिणी देखने में बहुत सुंदर थीं लेकिन इसके साथ ही साथ वे बहुत बुद्धिमान भी थीं. उनका व्यवहार बहुत ही सौम्य था और उनके हृदय में करुणा थी. परमात्मा श्रीकृष्ण के चरणों में उनका बहुत प्रेम था रुक्मिणी  बचपन से ही भगवान श्रीकृष्ण से प्रभावित थीं. आरंभ से ही वे उनकी वीरता और बुद्धिमत्ता की चर्चा सुनती आ रही थीं. रुक्मिणी जब विवाह योग्य हुईं तो उनके पिता ने उनके सामने कई रिश्ते रखे लेकिन उन्हें कोई भी पसंद नहीं आया. इस पर उनके पिता को चिंता हुई. भाई रूक्मी ने हठपूर्वक उनका विवाह शिशुपाल से तय कर दिया  लेकिन रुक्मिणी को ये रिश्ता पसंद नहीं था. एक दिन रुक्मिणी ने दुखी होकर भगवान श्रीकृष्ण को एक पत्र लिखा ओर एक पालीवाल ब्राह्मण के द्वारा वह पत्र भगवान को भिजवाया भगवान को जैसे ही रुक्मिणी का पत्र मिला वे समझ गए कि रुक्मिणी कोई बड़े संकट में है. भगवान श्रीकृष्ण भी रुक्मिणी को जानते थे क्योंकि उन्होंने भी रुक्मिणी के कई किस्से सुन रखे थे. पत्र पढ़ने के बाद श्रीकृष्ण ने कौडन्यपुर पहुंचकर रुक्मिणी का कर लिया हरण रुक्मिणी की विवाह की तैयारियां जोरों पर थी. मंडप सज चुका था. शिशुपाल बारात लेकर आ चुका था. लेकिन जैसे ही शिशुपाल बारात के साथ द्वार के पास पहुंचा उससे पहले ही श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर वहां से रथ पर सवार होकर निकल आए. रुक्मिणी के हरण की खबर भाई जैसे ही भाई रूक्मी और शिशुपाल को हुई सभी क्रोध में आ गए और सभी अपनी अपनी सेना लेकर श्रीकृष्ण के पीछे हो लिए.भयंकर युद्ध में श्रीकृष्ण की विजय हुई श्रीकृष्ण को रोकने के लिए भयंकर युद्ध हुआ. श्रीकृष्ण ने शत्रुओं को पराजित कर दिया और भगवान श्रीकृष्ण रुक्मिणी को लेकर द्वारिका आ गए. जहां बड़ी भव्यता  से दोनों का विवाह हुआ।

Related posts

रजपुरा थाना की सादपुर चौकी क्षेत्र में मिला शव

Ravi Sahu

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 19 अप्रैल को दमोह जिले के प्रवास पर

Ravi Sahu

कक्षा 01 से 08 तक की शालाओं का आज से 10 जनवरी तक अवकाश घोषित

Ravi Sahu

विकास यात्रा को लोगो ने दिखाए काले झंडे, जनता के सवालों से बौखलाए विधायक ने पत्रकार का छीना मोबाइल

Ravi Sahu

महान सूफ़ी हज़रत बशीरुल औलिया को की उर्स की महफ़िल सजी ख़ानक़ाहे आलिया बशिरिया मुर्शिद मैदान में चली सूफी महफिल।

Ravi Sahu

तेजगढ़ में दीनी कॉम्पटीशन हुआ सम्पन्न ।जश्ने इमाम आज़म अबु हनीफ़ा र.अ. मनाया गया ।

Ravi Sahu

Leave a Comment