सारंगपुर/सुदर्शन टुडे (गोपाल राठौर)
धीरज, धर्म, मित्र और नारी आफत काल परखिये चारी। विपरीत परिस्थिति मे भी अपने धर्म को बनाये रखे। एक दिन धर्म आपकी रक्षा करेगा। उक्त कथन स्थानीय श्रीराम मांगलिक भवन रंगेरवाड़ी मे शनिवार शाम को श्रीमद भागवत कथा का वाचन करते हुए भागवत कथा आचार्य हरिओम महाराज ने कथा के तीसरे दिन कहे। उन्होंने आगे कहा कि
विडंबना ये है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं। निस्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनों सुधार लेते हैं। व्यक्तियों को अपने जीवन में क्रोध, लोभ, मोह, हिंसा, संग्रह आदि का त्याग कर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए। भागवत कथा के दौरान राजा परीक्षित प्रसंग, सती प्रसंग, सुखदेव प्रसंग व कुंती प्रसंग सहित कई प्रसंग सुनाते हुए भागवताचार्य ने कहा कि भगवान के नाम मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार उतर जाता है। भजन मंडली की ओर से प्रस्तुत किए गए भजनों पर श्रोता भाव विभोर होकर नाचने लगे। इस अवसर पर वरिष्ठ समाज सेवी मांगीलाल सोलंकी, पर्यावरण प्रेमी जयहिंद प्रकाश दुबे, पूनम चंद खंडेलवाल, हुकुम चंद भावसार, दीपू दास बैरागी, गोपाल भावसार, श्रीवल्लभ सोनी, केशव लाल राठौर, लक्ष्मी नारायण सोलंकी, विष्णु चरण जोशी, नंद किशोर सोनी, लीलाधर सोलंकी, अशोक सोलंकी, सुनील सोनी, राम चंदर प्रजापति, नारायण सोनी, सुनील सोलंकी, नरेन्द्र सोलंकी, प्रदीप विजयवर्गीय, दीपक सोलंकी, प्रवीण विजयवर्गीय, हरीश सोलंकी, सचिन सोनी, मुकेश राठौर, भगवान दास खंडेलवाल, भूपेंद्र सोनी, राजेंद्र विजयवर्गीय, गोविंद सिंह राठौड़, अमित दुबे, आशीष पराशर, राकेश खत्री, प्रकाश सोनी, मनोज राठौर, मनीष सोलंकी, भावेश शर्मा, पराग सोलंकी, सुनील खंडेलवाल, चेतन विजयवर्गीय, श्याम सोलंकी, राजेश सोनी, मोहित दुबे, अभिषेक राठौर, यशवंत सोलंकी, अनिरुद्ध सोलंकी, अंकुर सोनी, प्रशांत खंडेलवाल, लतेश सोलंकी सहित कई महिलाए व पुरुष उपस्थित थे।