सुदर्शन टुडे राजगढ़
जहां गायों को किया था कैद ना पानी की व्यवस्था ना चारा,कई गायों की मौत।
राजगढ़। सरकार ने बलेही ग्राम पंचायत में गौशालाएं खोलकर गोवंश के संरक्षण के लिए एक उचित स्थान तय कर दिया हो लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में गोवंश की दुर्दशा किसी से छुपी हुई नहीं है। लगातार सड़कों पर एक्सीडेंट के कारण मृत व ग्रामीण क्षेत्रों में चारे पानी की कमी के कारण अपनी जान गवाने वाले गोवंश जहां शहरो में भूखे प्यासे अपने दिन काट रहा है वही सरकारी गौशालाओं की भी अगर बात की जाए तो वहां भी चारे की कमी के कारण व बजट की कमी व प्रति गोवंश 15 रुपए राशि होने के कारण कई गौशालाओं की दुर्दशा देखने को मिल रही है। हाल ही में राजगढ़ विधानसभा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत चीबड कला में सरकारी गौशाला के अंदर गोवंश की मृत्यु, व चारे पानी की कमी का मामला सामने आया था वहीं राजगढ़ से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर शुक्रवार को एक ऐसा वाक्य सामने आया जिसमें काली तलाई ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांव हीरापुर के ग्रामीणों ने एक खुले मैदान में तार फेंसिंग लगाकर सामने एक गेट लगाया और गांव के अंदर जितने भी गोवंश खुले घूम रहे थे उन्हें बिना चारा पानी की व्यवस्था करें बगैर ही उस कारागृह में डाल दिया। जहां भूख और प्यास के कारण कई गोवंश ने अपना दम तोड़ दिया। जिन्हें आवारा कुत्ते अपना भोजन बनाकर खाते भी दिखाई दिए वहीं गोवंश के कई कंकाल मौके पर बरामद भी हुए इसकी जानकारी जब रहागिरो ने कोतवाली पुलिस को दी तो वहां से एस आई नरेश मीणा के साथ ही ललित सोलंकी वह अन्य पुलिस स्टाफ गौ रक्षक नवदीप सिंह लोहिया के साथ उक्त स्थान पर पहुंचे जहां जेल जैसे कारागृह में बंदी स्वरूप गोवंश को पुलिस ने मुक्त करते हुए गेट खोला और सभी गायों को जंगल में रिहा कराया। साथ ही वहां मौजूद ग्रामीणों को हिदायत देते हुए कहा कि आज के बाद अगर गोवंश को इस तरह एकत्रित किया गया और उनके चारे पानी की व्यवस्था नहीं की गई तो संबंधित पर पुलिस कार्यवाही करेगी। साथ ही जब भी गोवंश को विचरण बाद अंदर रोका जाए उस वक्त गेट खुला रहे और चारे पानी की पर्याप्त व्यवस्था दिखाई दे।