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किसान बन सकते हैं बड़े उद्योगपति वरिष्ट वैज्ञानिक : डॉ बीरबल साहू

सुदर्शन टुडे राहुल गुप्ता दमोह

दमोह-एकलव्य विश्वविद्यालय, दमोह एवं चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान, जयपुर लारा कांकेर, छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केन्द्र में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का

 

एकलव्य विश्वविद्यालय, दमोह सिम चौधरी चरण सिंह राष्‌ट्रीय कृषि विपणन संस्थान, जयपुर के संयुक्त तत्वाधान में इदिए गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र, कांकेर छत्तीसगढ़ में उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम 5 जनवरी से 7 जनवरी एप तक आयोजित किया गया। यह आयोजन एकलत्य विश्वविद्यालय दमोह की कुलाधीपति डॉ.सुधा मलैमा, प्रति कुलाधिपति पूजा मलैया एवं रति मलैया के कुराल नेतृत्व एवम् कुलपति प्रो. पवन कुमार जैन या कुलसचिव डा. प्रफुल श्मी के निर्देशन में किया जा रहा ही कार्यक्रम के प्रायोप्यक NIAMके मुख्य संचालक अधिकारी डॉ रवि कुमार गोयल का विशेष योगदान रहा। प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक छात्र कल्याण अधिकाता डॉ शैलेन्द्र जैन एवं समन्वयक संकाय अध्यक्ष कृषि विभाग के डॉ भोक ओमपाल सिंह ने प्रशिक्षण कार्यकम के संचालन मे कुशल मार्गदर्शन दिया। शल प्रशिक्षण कार्यलय में रामप्रसाद पोटई कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ प्रमोद नेताबी एवं कृषि विकले विज्ञान केन के प्रमुख डॉ बीवल साहू ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना कीतीन दिन तक चलने वाल इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में • चारह विषय विशेष में विभिन्न विषयों के माध्यम से अलग एवं पशुपालन के क्षेत्र में आय के साधनों की चचर्चा की। प्रथम जिस डॉ बीरबल साहू में छान-छात्राओ बी एवं किसानों को कृषि के उत्पादन, मार्केटिंग, एवं सेवाओं को विस्तार से बताया इसके बाद डॉ उपेन्द्र नागने महात्मा की बोती हसे होने वाले आर्थिक आय को, श्री ज्ञानेन्द्र साहू ने किसानों के लिए इंटरनेट की महत्त्वती एवं उसे डो कोमाल सिंह ने कृषि अवशेषों के प्रबंधन बीए पर चचर्चा की। एक प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस की हानेन्द्र कुमार साहू ने विभिन्न मोबाइल एप की जानकारी दी जी किसानों की के लिए उपयुक्त है। पशु चिकितजा डॉ धर्मेन्द्र कुमार कुरे ने पशुपालन में होने वाली बिमारियों एवं आके रोकथाम के उपाय सुझाए, डॉ सी. एल ठाकुर ने अपे के सेब में होने वाली समाकलित कृषि पद्धति को विस्तार से समझाया, डॉ के. के. नामराज्य ने बहुस्तरी खेती से होने वाले लामको समक्ष साला किया एवं नै छत्रपाल पुहुप ने पोषित वागवानी को समझाया। प्रशिक्षक के अंतिम दिन दौरान छान-छात्राओं एवं किसानों को क्षेत भ्रमण कराया एवं नई तकनीकी से अवगत कराया गया। प्रशिक्षण के अंतिम दिन, किसानों को मौसम पर आधारित कृषि को करने के तरीके भी एच.

 

ने डॉ नरेन्द्र हरिदात लयडे ने रागी जैली फसल के उत्पादन एवं मार्केटिंग के गुण किपानी एवं विद्यार्थियों को विस्तार से बताए। इसके पश्चात् किमानों को मशीनों एवं प्रयोग शाला में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। डॉ अनिल कुमार का विशेष सवयी। बहा। मंच संचाल कोमल पिंह ने किया। चाँदबारी रण सिंह राष्ट्रीय विपणन संस्थान, जयपुर के प्रशिक्षण कार्यकाल एकलव्य विश्वविद्यालय दमोह के कुलपति डॉ पवन कुमार जैन ने सफल प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रशिक्षकों को शुभकामनाएं प्रेषित की। अंत में डॉ शैलन्द्र जैन सभी विषय विशेषतयों एवं प्रशिक्षको को आर के प्रति आभार व्यक्त किया

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