संवाददाता रानू जावेद खान
जवेरा दमोह
व्यारमा नदी बड़े घाट पर पहुंचे भक्त जलबिहार करने ग्राम बनवार राजपूत परिवार में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा भक्ति ज्ञानयज्ञ का हवन भंडारे साथ हुआ समापन इसके बाद व्यारमा नदी में भक्त लोग जलबिहार करने पहुंचे कथा प्रवक्ता बालव्यास पं.ऋषिकांत गर्ग जी ने बताया की भगवान की लीला अपरंपार है। वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं के धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है आवश्यकता निर्मल मन और स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की है। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानंद की प्राप्ति होती है। भागवत श्रवण प्रेतयोनि से मुक्ति मिलती है। और कहा कि भागवत भाव प्रधान और भक्ति प्रधान ग्रंथ है। भगवान पदार्थ से परे है, प्रेम के अधीन है। प्रभु को मात्र प्रेम ही चाहिए। अगर भगवान की कृपा दृष्टि चाहते हैं तो उसको सच्चाई की राह पर चलना चाहिए। भगवान का दूसरा नाम ही सत्य है। सत्यनिष्ठ प्रेम के पुजारी भक्त भगवान के अति प्रिय होते हैं। कलयुग में कथा का आश्रय ही सच्चा सुख प्रदान करता है इस मौके पर यजमान पुष्पेंद्र सिंह राजपूत सहित उनका पूरा परिवार एवं गांव के भक्त उपस्थित रहे