लुकमान खत्री
खरगोन जिला अस्पताल में शुक्रवार को उस वक्त गहमा गहमी का माहौल देखने को मिला जब। कोरोना किट में अस्पताल स्टॉफ नजर आया। कुछ देर के लिए अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजन में खलबली मच गई।
दर असल कोरोना महामारी के नए वैरियंट से निपटने के लिए जिला अस्पताल में मॉकड्रिल की गई। इसको लेकर
कोरोना किट में अस्पताल का स्टॉफ, चेहरों पर मॉस्क, कोविड वार्ड से ऑक्सीजन प्लांट तक अफसरों की भागमभाग, आईसीयू बेड पर लेटा मरीज और फाइलों को टटोलते अफसर, शुक्रवार को कोरोना महामारी टाइम पीरियड वाले यह दृश्य जिला अस्पताल में जिसने भी देखे वह सहम गया। दो साल पहले जिन्होंने महामारी का दंश झेला उन मरीजों और उनके परिजन के चेहरों पर खौफ साफ नजर आया। इस हाईवोल्टेज तामझाम के बारे में जब मरीजों और उनके परिजनों ने डॉक्टरों से पूछा तो उन्होंने बताया घबराइए नहीं। कोविड का कोई मरीज नहीं है। महामारी से निपटने के लिए पूर्व तैयारियों का जायजा लेने के लिए मॉकड्रिल की है। यह सुनने के बाद हर किसी ने राहत की सास ली।
सिविल सर्जन डॉ. अमरसिंह चौहान ने बताया कोविड महामारी का नया वैरियंट विदेशों में सामने आया है। इसी के चलते स्वास्थ्य सुविधाओं को परखने के लिए यह मॉकड्रिल की गई। तमाम सुविधाओं को एसडीम भास्कर गाचले की मौजूदगी में परखा गया। सबसे पहले अफसरों ने जिला अस्पताल परिसर में लगे तीन ऑक्सीजन प्लांट देखे। यहां मौजूद स्टॉफ से जानकारी ली। इसके बाद ऑक्सीजन सपोर्ट बेड, कोविड वार्ड का जायजा लिया गया। कोविड आईसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट बेड पर डमी मरीज को लैटाते हुए उपचार की तमाम गतिविधियों को स्टॉफ ने दोहराया।
सिविल सर्जन डॉ. चौहान ने बताया जिला अस्पताल में फिलहाल 780 ऑक्सीजन सिलेंडर, 224 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड और पर्याप्त मेडिसीन उपलब्ध है। यदि महामारी जैसे हालात बनते भी है तो उससे निपटने के लिए जिला अस्पताल में उपलब्ध संसाधन तैयार है। स्टॉफ को भी अलर्ट किया गया है। एसडीएम भास्कर गाचले ने कहा- तमाम व्यवस्थाओं का ट्रायल किया है। जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं पुख्ता है।