शासन की ओर से 2018 से उच्च माध्यमिक व माध्यमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का विवाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है । सहविषय चयनित शिक्षक संघ के बैनर तले उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 में चयनित योग्य शिक्षक 20 मार्च 2020 सोमवार से लोक शिक्षण संचालनालय सामने प्रदर्शन कर रहे है ।
लेकिन पांच दिन गुजर जाने के बाद भी अभी तक शाशन एवं प्रशाशन की तरफ से इनसे कोई मिलने नहीं आया । पहले भी सहविषय के चयनित शिक्षक प्रदर्शन कर चुके है लेकिन उनकी मांगो को नजर अंदाज किया जा रहा है जिससे गुस्साए सहविषय चयनित शिक्षक अब आर या पार की लड़ाई मानकर लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) के सामने धरने पर बैठ गए है ।
जब हमने सहविषय चयनित शिक्षक से बात की तो उन्होंने बताया की प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से सहविषय चयनित शिक्षक अपने मुखिया प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से न्याय की उम्मीद में सोमवार 20 मार्च को भोपाल पहुंचे थे । जिसमें अभ्यर्थियों ने सर्वप्रथम सीएम हाउस पहुंचकर अपनी मांग संबंधी ज्ञापन पीएम के नाम प्रस्तुत किया । इसके पश्चात सभी अभ्यर्थी लोक शिक्षण संचनालय पहुंचे एवं देर शाम तक अपनी मांग को लेकर डीपीआई के सन्मुख प्रदर्शन करते रहे । जिसके पश्चात से यह प्रदर्शन का क्रम अनवरत जारी है । और लगातार हमारा यह प्रदर्शन चलता रहेगा I
इस प्रदर्शन में संपूर्ण प्रदेश से चयनित शिक्षक अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ उपस्थित होकर मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगा रही है लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई भी अभी तक उपस्थित नहीं हुआ है । दरअसल यह मामला उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 का है I जिसमें उच्च माध्यमिक शिक्षक जीव विज्ञान के पद हेतु सैकड़ों उम्मीदवार जीव विज्ञान के सभी विषयों से स्नातकोत्तर उपाधि धारक हैं । जिन्हें दस्तावेज सत्यापन के दौरान आयोग निर्धारित किया गया एवं नियुक्ति प्रदान नहीं की गई ।
इससे पूर्व भी यह अभ्यर्थी कई बार लोक शिक्षण संचनालय भोपाल के अधिकारियों एवं स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से मिल चुके हैं । विभागीय मंत्री द्वारा इन्हें कई बार आश्वासन दिया गया कि जल्दी आप का निराकरण कर दिया जाएगा और शीघ्र ही आप को नियुक्ति प्रदान कर दी जाएगी । लेकिन 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी उनकी कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है I पूर्व में लोक शिक्षण संचनालय के आयुक्त ने चयनित शिक्षकों को आश्वासन दिया था कि वह विषय से चयनित शिक्षकों की समस्या के समाधान के लिए एक जांच समिति गठित की जाएगी लेकिन उसके बावजूद आज तक कोई भी निराकरण नहीं किया गया है I
चर्चा के दौरान चयनित शिक्षकों ने बताया कि उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 में जीव विज्ञान विषय में सह विषयों जैसे माइक्रोबायोलॉजी बायोटेक्नोलॉजी बायोकेमेस्ट्री आदि से स्नातकोत्तर अभ्यार्थियों के साथ मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग दोहरा मापदंड अपना रहा है। इन विषयों के अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के दौरान अयोग्य निर्धारित कर दिया गया है। इसके विपरीत पूर्व की समस्त भर्ती प्रक्रियाएं अतिथि शिक्षकों में इन विषयों के अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान की गई है। जब अभ्यर्थियों ने विभाग के इस दोहरे मापदंड को शिक्षा मंत्री तक पहुंचाया तो मंत्री ने विभाग की गलती को स्वीकार किया एवं कहां की सैद्धांतिक रूप से इन अभ्यर्थी को लिया जाना चाहिए। वेरिफिकेशन में कई अभ्यर्थी रिजेक्ट किए गए। कुछ को होल्ड पर रखा। मामला हाईकोर्ट में इसके बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया से करीब 800 शिक्षकों को बाहर कर दिया गया।