पथरिया
धरातल जनकल्याण विकास समिति पथरिया सेक्टर में नगर विकास प्रस्फुटन पथरिया ने आदिवासी भगवान बिरसा मुंडा के लिए याद किया गया
इस अवसर पर मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के ब्लांक समन्वयक उमाशंकर उपाध्याय ने बताया बिरसा मुंडा जी ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बचपन से ही मन में विद्रोह की भावना थी। आज भी लोग बिरसा मुंडा को उनके कार्यों और आंदोलन की वजह से भगवान की तरह पूजते हैं। 1895 तक बिरसा मुंडा एक सफल नेता के रुप में उभरने लगे वो लोगों में जागरुकता फैलाना चाहते थे। 1894 में आए अकाल के वक्त बिरसा मुंडा ने लोगों के लिए अंग्रेजों से लगान माफी की मांग के लिए आंदोलन किया। बिरसा मुण्डा ने मुण्डा विद्रोह पारम्परिक भू-व्यवस्था को जमींदारी व्यवस्था में बदलने के कारण किया। उन्होंने अपनी सुधारवादी प्रक्रिया के तहत सामाजिक जीवन में एक उच्च आदर्श प्रस्तुत किया।
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समाजिक कार्यकर्ता दिलीप पटेल ने कहा वे एक महान क्रांतिकारी भी थे, अंग्रेज सरकार जब शहरों पर कब्जा कर रहे थे,तब बिरसा मुंडा गांव, गांव जाकर वनवासियों को जागरूक कर रहे थें,वह मिशनरियों के भी खिलाफ थे, उसी समय उन्होंने बिरसा मुण्डा शुद्धता, आत्म-सुधार और एकेश्वकरवाद का उपदेश दिया। उन्होंने ब्रिटिश सत्ता के अस्तित्व को अस्वीकारते हुए अपने अनुयायियों को सरकार को लगान न देने का आदेश दिया था। बिरसा और उनके सैकड़ों समर्थकों ने अकाल पीड़ित जनता की सहायता सेवा सहयोग करना ठाना। यही प्रमुख वजह की अपने जीवन काल में ही बिरसा एक महापुरुष का दर्जा प्राप्त कर चुके। जनजातीय समुदाय में बिरसा को लोग धरती बाबा कहते है जिनकी पूजा भी करते है। उनके प्रभाव झलक पूरे इलाके में देखने को मिलती है।
धरातल जनकल्याण विकास समिति के यंशवत जैन ने कहा आंदोलन के चलते अंग्रेजों ने हजारों आदिवासियों को गिरफ्तार कर लिया जिसके व्यथित होकर खुद बिरसा 3 फरवरी, 1900 को चक्रधरपुर में गिरफ़्तार हुए। जहां कुछ महीनों के बाद 9 जून, 1900 को रांची जेल में बिरसा ने अपनी अंतिम सांसें ली। आज भी बिहार, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ और पश्चिम बंगाल के आदिवासी इलाकों में बिरसा भगवान की तरह पूजे जाते हैं।
इस अवसर पर परिषद के परामर्शदाता शैलेंद्र पाराशर, यज्ञनारायण पांडे, श्रीमती शिखा पांडे, श्रीमती उषा पटेल , नगर विकास प्रस्फुटन समिति के जितेंद्र दुबे,शुभम पटैल,शंकर पटैल,चौरोला प्रीतम प्रजापति,लखन पटैल सेमरा,आदित्य सिंह,सांसा,सचिन पटैल मोहनपुर, आशीष पटेल,भौरासा, श्रीमती रश्मी पटैल, कुमारी हरिबाई, कुमारी, प्रियंका अहिरवार, कुमारी पुष्पा दुबे,दीपा विश्वकर्मा,, श्रीमती गायत्री राजपूत, श्रीमती रंजना दुबे, श्री मति कष्णा लड़ियां, श्रीमती कृष्णा पटैल, श्रीमती रामबती पटैल, श्रीमती चंदा सौर, श्रीमती अभिलाषा लोधी,
नेहरू युवा केंद्र के धनश्याम पटैल,बंसत पटेल, कपिल राठौर, विवेक तिवारी,भूपेंद्र पटेल, बहादुर पटैल, जितेंद्र सिंह,अनुज पटैल, आदि उपस्थित थे