रायसेन।शासकीय जिला अस्पताल से मिल रही डेंगू की रिपोर्ट के आधार पर रोजाना हमारी टीमें उन सभी क्षेत्रों में पहुंच रही हैं, जहां डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं। अगर निजी हॉस्पिटल का रिकॉर्ड भी आए तो हमारी टीमें उन क्षेत्रों में भी पहुंचकर डेंगू का सर्वे और लार्वा नष्ट करने की कार्रवाई कर सकती हैं।डॉ. प्रियंवदा गुप्ता मलेरिया अधिकारी
सभी निजी लैब को डेंगू मरीजों की रिपोर्ट सीएमएचओ कार्यालय रायसेन भेजना है। लेकिन कई दिनों से देखने में आ रहा है कि कुछ निजी लैब अपनी रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं। इसके लिए आदेश दिए गए हैं, जिससे डेंगू की सही स्थिति का पता लगाया जा सके ।डॉ.दिनेश खत्री सीएमएचओ रायसेन
अक्टूबर में सबसे ज्यादा मरीज
इस वर्ष 188 लोगों को डेंगू हो चुका है। इसमें सबसे ज्यादा 78 लोग अक्टूबर में ही चपेट में आए हैं। इसमें हर उम्र के लोग हैं, लेकिन बच्चों की संख्या ज्यादा है। मेडिकल कॉलेज और मुरार जिला अस्पताल की लैब में ही हर दिन बुखार से पीड़ित 30 से 40 लोग जांच कराने पहुंच रहे हैं।
सरकारी रिपोर्ट में नहीं आया नाम
गेंडेवाली सड़क पर रहने वाले 18 वर्षीय अभिषेक श्रीवास्तव ने डेंगू की नगर के एक पैथोलॉजी लैब में 23 अक्टूबर को कराई थी। इसमें डेंगू की पुष्टि हुई। लेकिन रिपोर्ट को सरकारी रिपोर्ट में उनका नाम नहीं आया। डेंगू के के कारण किशोर की प्लेटलेट्स कम होने लगी थीं, उसके बाद डॉक्टर ने इलाज किया। ऐसी ही कई निजी अस्पतालों की रिपोर्ट सीएमएचओ कार्यालय नहीं पहुंच रही है।
सामने नहीं आ सकी सही संख्या …
अगर शुरू से ही निजी पैथोलॉजी लैब द्वारा सीएमएचओ कार्यालय रायसेन को रिपोर्ट भेजी जाती तो डेंगू का आंकड़ा 200 के पार हो सकता था। लेकिन निजी लैब ने अपनी जांच रिपोर्ट नहीं दी। इससे डेंगू के मरीजों की सही संख्या सामने नहीं आ सकी है। इसमें जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही रही है, क्योंकि उन्होंने भी इस पर जोर नहीं दिया।
जुर्माने की कार्रवाई नहीं हुई शुरू…
शहर में मलेरिया ,डेंगू ने पैर पसार लिए है। इसके बावजूद भी नगर पालिका परिषद ने जुर्माने की कार्रवाई तक शुरु नहीं की है। इससे लोगों में डर भी नहीं है। हालात यह है कि शहर के कई क्षेत्रों में घरों की छत पर पानी और कूलरों की टंकी में पानी है। इसमें लार्वा पनप रहा है।
अगर नगर पालिका परिषद इस पर कार्रवाई करे तो यह कुछ हद तक कम हो सकता है। लेकिन निगम की टीम क्षेत्रों में पहुंच ही नहीं रही है।
रायसेन. शहर में डेंगू मलेरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोजाना 10-11 मरीज सामने आ रहे हैं। लेकिन यह संख्या केवल उन मरीजों की है, जिन्होंने जिला अस्पताल में जांच कराई है और सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या सामने नहीं आ रही है। क्योंकि इन मरीजों ने निजी पैथोलॉजी लैब में जांच कराई है और निजी लैब अपनी डेंगू की रिपोर्ट सीएमएचओ कार्यालय नहीं भेज रही हैं। अगर निजी लैब की रिपोर्ट सामने आने लगे तो डेंगू के मरीजों की संख्या रोजाना 25 से 30 के करीब तक पहुंच सकती है। मरीजों की असल संख्या सामने नहीं आने से डेंगू की भयावहता का अंदाजा नहीं लग पा रहा है। साथ ही उन क्षेत्रों में मलेरिया विभाग की टीम भी लार्वा नष्ट करने नहीं पहुंच पा रही है, जहां निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीज रहते हैं।
शहर में रोज मिल रहे 10-11 मरीज, लेकिन असली आंकड़ा कई गुना ज्यादा,निजी लैब नहीं भेज रहीं डेंगू की रिपोर्ट, सामने नहीं आ रही मरीजों की सही संख्या
रायसेन।शासकीय जिला अस्पताल से मिल रही डेंगू की रिपोर्ट के आधार पर रोजाना हमारी टीमें उन सभी क्षेत्रों में पहुंच रही हैं, जहां डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं। अगर निजी हॉस्पिटल का रिकॉर्ड भी आए तो हमारी टीमें उन क्षेत्रों में भी पहुंचकर डेंगू का सर्वे और लार्वा नष्ट करने की कार्रवाई कर सकती हैं।डॉ. प्रियंवदा गुप्ता मलेरिया अधिकारी
सभी निजी लैब को डेंगू मरीजों की रिपोर्ट सीएमएचओ कार्यालय रायसेन भेजना है। लेकिन कई दिनों से देखने में आ रहा है कि कुछ निजी लैब अपनी रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं। इसके लिए आदेश दिए गए हैं, जिससे डेंगू की सही स्थिति का पता लगाया जा सके ।डॉ.दिनेश खत्री सीएमएचओ रायसेन
अक्टूबर में सबसे ज्यादा मरीज
इस वर्ष 188 लोगों को डेंगू हो चुका है। इसमें सबसे ज्यादा 78 लोग अक्टूबर में ही चपेट में आए हैं। इसमें हर उम्र के लोग हैं, लेकिन बच्चों की संख्या ज्यादा है। मेडिकल कॉलेज और मुरार जिला अस्पताल की लैब में ही हर दिन बुखार से पीड़ित 30 से 40 लोग जांच कराने पहुंच रहे हैं।
सरकारी रिपोर्ट में नहीं आया नाम
गेंडेवाली सड़क पर रहने वाले 18 वर्षीय अभिषेक श्रीवास्तव ने डेंगू की नगर के एक पैथोलॉजी लैब में 23 अक्टूबर को कराई थी। इसमें डेंगू की पुष्टि हुई। लेकिन रिपोर्ट को सरकारी रिपोर्ट में उनका नाम नहीं आया। डेंगू के के कारण किशोर की प्लेटलेट्स कम होने लगी थीं, उसके बाद डॉक्टर ने इलाज किया। ऐसी ही कई निजी अस्पतालों की रिपोर्ट सीएमएचओ कार्यालय नहीं पहुंच रही है।
सामने नहीं आ सकी सही संख्या …
अगर शुरू से ही निजी पैथोलॉजी लैब द्वारा सीएमएचओ कार्यालय रायसेन को रिपोर्ट भेजी जाती तो डेंगू का आंकड़ा 200 के पार हो सकता था। लेकिन निजी लैब ने अपनी जांच रिपोर्ट नहीं दी। इससे डेंगू के मरीजों की सही संख्या सामने नहीं आ सकी है। इसमें जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही रही है, क्योंकि उन्होंने भी इस पर जोर नहीं दिया।
जुर्माने की कार्रवाई नहीं हुई शुरू…
शहर में मलेरिया ,डेंगू ने पैर पसार लिए है। इसके बावजूद भी नगर पालिका परिषद ने जुर्माने की कार्रवाई तक शुरु नहीं की है। इससे लोगों में डर भी नहीं है। हालात यह है कि शहर के कई क्षेत्रों में घरों की छत पर पानी और कूलरों की टंकी में पानी है। इसमें लार्वा पनप रहा है।
अगर नगर पालिका परिषद इस पर कार्रवाई करे तो यह कुछ हद तक कम हो सकता है। लेकिन निगम की टीम क्षेत्रों में पहुंच ही नहीं रही है।
रायसेन. शहर में डेंगू मलेरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोजाना 10-11 मरीज सामने आ रहे हैं। लेकिन यह संख्या केवल उन मरीजों की है, जिन्होंने जिला अस्पताल में जांच कराई है और सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या सामने नहीं आ रही है। क्योंकि इन मरीजों ने निजी पैथोलॉजी लैब में जांच कराई है और निजी लैब अपनी डेंगू की रिपोर्ट सीएमएचओ कार्यालय नहीं भेज रही हैं। अगर निजी लैब की रिपोर्ट सामने आने लगे तो डेंगू के मरीजों की संख्या रोजाना 25 से 30 के करीब तक पहुंच सकती है। मरीजों की असल संख्या सामने नहीं आने से डेंगू की भयावहता का अंदाजा नहीं लग पा रहा है। साथ ही उन क्षेत्रों में मलेरिया विभाग की टीम भी लार्वा नष्ट करने नहीं पहुंच पा रही है, जहां निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीज रहते हैं।