संकल्प मिश्रा नरसिंहगढ़
शून्य गोल होता है जो हमारे जीवन चक्र को दर्शाता है। वह जीवन कोई जीवन नहीं है जिसमें कठिनाइयां, परेशानियां और चुनौतियां ना हों। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में यह विचार न्यायाधीश कपिल देव द्वारा राजगढ़ जिले के ग्राम बोड़ा स्थित ब्राइट कैरियर स्कूल में व्यक्त किए गए। उन्होंने कहा कि भारत देश में प्रत्येक अपराध के लिए कानून है और जो व्यक्ति विधि का उल्लंघन करता है उसे विधि के अनुसार वर्णित दंड से दंडित किया जाता है। न्यायाधीश कपिल देव ने कहा कि हमें विधिक रुप से साक्षर होने के लिए सर्वप्रथम साक्षर होना जरूरी है। उन्होंने यूनानी दार्शनिक अरस्तु का उदाहरण देते हुए कहा कि अरस्तु महान दार्शनिक, प्लेटो के शिष्य थे और प्लेटो सुकरात के शिष्य थे। अरस्तु सिकंदर के गुरु थे। सिकंदर अरस्तू से ज्ञान प्राप्त करके ही महान बना था। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में शिक्षक की बहुत बड़ी कड़ी है। सिकंदर और अरस्तु की कहानी का जिक्र करते हुए न्यायाधीश कपिल देव ने कहा एक बार सिकंदर और अरस्तू कहीं जा रहे थे तब रास्ते में एक नदी मिली तो दोनों के बीच इस बात को लेकर बहस छिड़ गई पहली नदी कौन पार करेगा, सिकंदर अपनी जिद पर अड़ गया और पहले उसने नदी पार की। तब अरस्तू ने पूछा कि सिकंदर तुमने ऐसा क्यों किया तो सिकंदर ने एक लाजवाब जवाब दिया और कहा कि यदि अरस्तु जीवित रहेंगे तो कई सिकंदर पैदा होंगे अर्थात अरस्तु के पास वह क्षमता है जो हर व्यक्ति को सिकंदर बना सकती है लेकिन सिकंदर के अंदर वह क्षमता नहीं है जो हर व्यक्ति को अरस्तु बना दे ।कहने का तात्पर्य यह था हमारे जीवन में हमें सही मार्ग दिखाने में सबसे बड़ी भूमिका हमारे शिक्षक हमारे गुरु की होती है।शिविर के दौरान एक छात्र द्वारा न्यायाधीश से यह सवाल किया गया कि आप इतने ऊंचे पद पर पदाशीन होने के बावजूद भी इतने सहज और सरल क्यों हैं ? न्यायाधीश महोदय द्वारा इसका जवाब देते हुए कहां गया कि जब भी आप जीवन में शून्य की तरफ बढ़ने लगते हैं तो आप गंभीर सहज और सरल होने लगते हैं ।आपके जीवन में जितनी ज्यादा शून्यता होगी अर्थात आपको जो ईश्वर ने दिया है उसमें आप संतुष्ट होंगे और ईश्वर से शिकायत करना बंद करेंगे तो आप निश्चित ही स्वमेव सहज सरल होते जाएंगे एवं नई ऊंचाइयों को प्राप्त करते जाएंगे ।इस विधिक साक्षरता शिविर में तहसील विधिक प्राधिकरण की ओर से रामेंद्र गोष्ठी पवन गहलोत स्कूल के प्रधानाचार्य और समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।