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मंडला

स्वास्थ्य विभाग कब तक दोषियों को संरक्षण प्रदान करेगा सीएमएचओ ने गोलमोल जवाब देकर फर्जी बीईई का संरक्षण किया

मंडला से सुदर्शन टुडे न्यूज जिला ब्यूरो चीफ हीरा सिंह उइके की रिपोर्ट

मंडला:- जिले में विगत दिनों स्वास्थ्य विभाग की नाकामियों एवं लापरवाहों को नित्य अधिकारियों से रुबरु कराया जा रहा है परन्तु स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने लोगों की जिन्दगी को अपनी कमाई का जरिया बना रखा हुआ है।सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया में चल रहे बीईई के फर्जीवाड़ा पद पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किया गया है, स्वास्थ्य अमले द्वारा फिर कोई बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है और इसी का परिणाम आज यह हुआ कि मण्डला हाॅस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर रिलायंस पेट्रोल पंप की पीछे. बिझिया मण्डला का वर्षों से निरीक्षण दल द्वारा निरीक्षण नहीं किया जा रहा था कारण यह है कि यह भूतपूर्व सीविल सर्जन डाॅ मनोज मुराली का नर्सिंग कॉलेज एवं रिसर्च सेंटर है जिन्हें लोकायुक्त द्वारा रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था और जिनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही विचाराधीन है और अभी न्यायालय का निर्णय के अलावा जनता का निर्णय बाकि है परन्तु हमराह विभागीय अधिकारियों ने लोगों की जिन्दगी को दांव पर रख कर शासन-प्रशासन की नियमावली को रौंदते हुए अभी तक इस हाॅस्पीटल एवं रिसर्च सेंटर को अनदेखा किया जिसमें हाॅस्पिटल का मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएँ (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 के प्रावधानों के अंतर्गत संचालन किया जाना नहीं पाया गया।जब मामले की शिकायत एवं मीडिया के द्वारा आला-अधिकारियों को उनके कुम्भकरणी नींद से जगाया गया तब स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुये मण्डला हाॅस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर बिझिया मण्डला का पंजीयन अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।उक्त चिकित्सालय में आगामी आदेश तक किसी भी प्रकार से मरीजों को भर्ती / उपचार इत्यादि नहीं किया जा सकेगा।कब होगा सीएचसी बिछिया के बीईई के नियुक्ति की जांच जिले के सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया में बिमारियों का कहर टूट पड़ा है लोगों ने अपनी जान तक गंवा बैठे,परन्तु शासन-प्रशासन के रखवालों को अपनी तिजोरियां के अलावा जनता की कोई परवाह नहीं जहां सीएचसी बिछिया में पदस्थ एमपीडब्ल्यू गोवर्धन धुर्वे द्वारा बगैर वैधानिक आदेश के बीईई के पद पर नियुक्त होने के मामले को लेकर जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ श्रीनाथ सिंग से दैनिक जग संवाद की टीम ने बात किया तो सीएमएचओ डॉ सिंग ने यह स्पष्ट किया कि गोवर्धन धुर्वे एमपीडब्ल्यू के पद पर उप स्वास्थ्य केन्द्र केवलारी में पदस्थ है और गोवर्धन धुर्वे को बीईई के पदभार के लिए किसी भी प्रकार का कोई ऑफिसिली आदेश नहीं दिया गया है।वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ श्रीनाथ सिंग का कहना है कि सीएचसी बिछिया में कचरा बाई धुर्वे को बीईई के पद पर नियुक्त किया गया है वहीं दूसरी तरफ कचरा बाई धुर्वे का कहना है कि मैं बीईई के पद पर कार्य नहीं कर रही हुं।सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया का यह मामला जहां अधिकारी के द्वारा गोलमोल जवाब देकर फर्जीवाड़े का संरक्षण करना आये दिन तूल पकड़ता जा रहा है उप स्वास्थ्य केन्द्र केवलारी में पदस्थ एमपीडब्ल्यू गोवर्धन धुर्वे द्वारा बगैर वैधानिक आदेश के बीईई के पद पर कार्य करना सीएचसी में विवाद का कारण बन गया है और बीईई के नाम पर किए जा रहे भ्रष्टाचार का मामला सामने आ रहा है।इस तरह अधिकारियों की खुली छूट के चलते सीएचसी में राजनेताओं का कहर बढता जा रहा है नतीजा आज यह है कि यहां पदस्थ एमपीडब्ल्यू राजनीतिक दलों के जरिए राजनीतिक दबाव के चलते अपने मनमानी रवैया अपनाया जा रहा है।शासकीय कार्य में राजनेताओं के इशारे का मामला पहले भी आला-अधिकारियों तक पहुंचाया जा चुका है परन्तु जिम्मेदारों की चुप्पी साधने का का नतीजा राजनीतिक कहर की पोल खोल रहा है परन्तु विभागीय जिम्मेदारों द्वारा मामले को लेकर कार्यवाही नहीं किया जाना किसी राजनेता के दवाब का कारण हो सकता है जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है और इसी तरह सीएचसी बिछिया में चल रहे राजनेताओं की दादागिरी के किस्से सुर्खियों में है वहीं आला-अधिकारी राजनेताओं के साथ ताल से ताल मिला कर अपनी तिजोरियां भरने में चूर है।क्षेत्रीय संचालक द्वारा की जाएगी बीईई मामले की जांच सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया में एमपीडब्ल्यू गोवर्धन धुर्वे को गैर संवैधानिक रुप से बीईई के पद पर नियुक्त कर कार्यभार सौंपने को लेकर जहां सीएमएचओ से मामले की जांच की बात कही गई थी परन्तु आज दिनांक संबंधित मामले की जांच प्रतिवेदन आला-अधिकारियों को प्रेषित नहीं किया गया है।शिकायकर्ता द्वारा मामले की जांच राज्य स्तरीय अधिकारियों को सौंपा गया है जिसको लेकर सीएचसी बिछिया के बीईई के पद पर एमपीडब्ल्यू द्वारा बगैर वैधानिक आदेश के नियुक्ति के जांच का जिम्मा क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाऐं जबलपुर को सौंपा गया है।वहीं एक बार फिर जिले के स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए इस जांच मामले में हुए भ्रष्टाचार का बहुत जल्द खुलासा कर दूध का दूध और पानी का पानी किया जाएगा।इस मामले पर दोषियों को संरक्षित करने वाले समस्त अधिकारियों की जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जावेगा। वहीं क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाऐं जबलपुर द्वारा दी गई जानकारी अनुसार मामले की जांच सीएमएचओ को किया जाना था परन्तु उनके द्वारा जांच नहीं कर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही नहीं किए जाने को लेकर स्पष्टीकरण की मांग की गई है। जहां सीएमएचओ द्वारा एमपीडब्ल्यू गोवर्धन धुर्वे द्वारा बीईई के पद पर कार्य करना गलत बताया जा रहा है बावजूद इसके संबंधित के कारनामों पर पर्दा डाला जा रहा है इस तरह जिले के एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा दोषियों को संरक्षित करने का यह मामला विभागीय अनियमितता एवं लापरवाही के साथ-साथ एक बड़े भ्रष्टाचार की पुष्टि करता है।इनका कहना है 01–मै बीईई के पद पर कार्य नहीं कर रही हुं, मुझे बीईई का प्रभार सौपा जा रहा था परन्तु मैंने स्वयं बीईई का पद स्वीकार नहीं किया। कचरा बाई धुर्वे सीएचसी बिछिया मण्डला 02–सीएचसी बिछिया में महिला अधिकारी बीईई के पद पर पदस्थ हैं बावजूद इसके कोई एमपीडब्ल्यू द्वारा बीईई के पद पर कार्य किया जाना संवैधानिक रुप से गलत है और यदि सीएमएचओ द्वारा इस मामले पर कार्यवाही नहीं किया जा रहा है तो वो मुझे लिखकर देवें तो मैं कार्यवाही करुंगा।डॉ संजय मिश्रा क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाऐं जबलपुर मध्य प्रदेश

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