सुदर्शन टुडे भास्कर पाण्डेय एम.पी.हेड..
समनापुर । जिले के समनापुर जनपद अंतर्गत वनग्राम सिमरधा में कई वैगा परिवारों के द्वारा बोई गई खेती को वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा मवेशियों से नष्ट करा दी गई। इस दौरान विवाद की स्थिति भी बनी। वैगाओं का आरोप था कि वे संबंधित जमीन में वर्षों से खेती करते हुए जीवन यापन कर रहे हैं। वैगाओं ने बताया किसिमरधा की भूमि में सालों से उनके पूर्वज खेती करते आ रहे हैं। जीवनयापन इसी भूमि से होता है। इस वार धान की फसल लगी हुई है। उसे वन विभाग ने अमले द्वारा अचानक आकर पालतू मवेशियों से चराया गया। अधिकारियों से ऐसा न करने को कहने पर वल प्रयोग करने का भी आरोप लगाया गया। वैगाओं को वहां से भगाने की कोशिश की गई। जिस पर ग्रामीण भड़क गए और वनकर्मियों के साथ उनका विवाद हो गया। विवाद बढ़ता देख पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाइस दी तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ। बहरहाल वन विभाग के इस रवैये के खिलाफ बैगा आदिवासी लामबंद हो गए हैं। वन विभाग द्वारा किए गए इस कार्य के बाद वैगा आदिवासियों ने जिला प्रशासन से जमीन का पट्टा दिलाने व वन विभाग द्वारा धान की फसल की भरपाई की मांग की। इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों का तर्क था कि जमीन वन विभाग की है इसलिए उसे खाली कराया जा रहा था।