धार सुदर्शन टुडे।
पंचायतों में लगातार हो रहे घोटाले अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं मनरेगा जॉब कार्ड घोटाला हो या आवास संबंधी घोटाला पंचायत सचिव, रोजगार सहायक द्वारा शासन की मूलभूत योजनाओं के लिए मिलने वाली राशि का गबन करने की शिकायतें थम नहीं रही है । ऐसा ही एक मामला जिले की उमरबन तहसील के ग्राम पंचायत धनोरा का है।
ग्राम पंचायत धनोरा में मनरेगा जॉब कार्ड में हो रहे फर्जीवाड़े तथा आवास योजना में हुए फर्जीवाड़े की शिकायत लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीणजन जिला मुख्यालय जनसुनवाई कक्ष में पहुंचे। ग्रामीणों ने पंचायत सचिव व रोजगार सहायक पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की है ग्रामीणों का कहना है कि सचिव व रोजगार सहायक की मिलीभगत से ग्राम पंचायत में अपने सबंधित लोगों को योजनाओं में शामिल कर मिलने वाली राशि इनके खातों में डालकर अपना हिस्सा बांट लेते है। ग्राम पंचायतों द्वारा भ्रष्टाचार की सारे हदे पार कर दी है। लेकिन जनपद सीईओं से लेकर अन्य अधिकारी इन पर कोई कार्रवाई नही करते। शिकायतकर्ताओं के अनुसार सचिव अर्जुन डावर रोजगार सहायक सचिव धनसिंग चौहान ने कुवारो को विवाहित बता कर उनके जॉब कार्ड बना दिए व वर्तमान में कई मृत व्यक्तियों के जॉब कार्ड भी बन हुए है और इनके खातों में राशि अंतरण किया जा रहा है ये लोग सचिव, सहायक सचिव के अपने होते है जिनसे ये बाद में अपने हिस्से की राशि ले लेते है। वास्तविकता में को मजदूर है वो काम करने से वंचित हो रहे है तथा जो काम कर रहे है उनको उनकी मजदूरी नहीं मिल पा रही है इस तरह से मनरेगा की राशि का गबन किया जा रहा है।
वही पंचायत की पी एम आवास योजना में भी इनके द्वारा घोटाले किए गए है पूर्व में पक्के बने मकान को नया निर्माण बता कर राशि आहरित की गई है। योजना में पात्र व्यक्तियों को राशि प्रदान नही की गई है योजना का लाभ देने के संबंध में पात्र व्यक्तियों से रिश्वत की मांग की जाती है इसके संबंध में ग्रामीणों ने बताया की पूर्व में हमारे द्वारा इस मामले की शिकायत जनपद पंचायत में की गई थी लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है इससे निराश होकर ग्रामीणजन आज सबूत के तौर पर दस्तावेज लेकर जनसुनवाई में पहुंचे और उचित कार्यवाही की मांग करते हुए शिकायत दर्ज करवाई गई।