सम्भागीय ब्यूरो चीफ राजकुमार यादव के साथ संवाददाता जयराज चौधरी की रिपोर्ट
जबलपुर : प्रदेश के किसानों को अधिकतम लाभान्वित करने के लिये कृषि क्षेत्र में उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा ।संचालक कृषि प्रीति मैथिल ने कृषि विभाग के पोर्टेल की समीक्षा के लिये शुक्रवार को विभागीय एवं संबंधित संस्थाओं के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में यह बात कही। उन्होंने बताया कि किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग दवारा फसलों की स्थिति एवं उत्पादकता के सटीक और त्वरित आकलन के लिये सेटेलाईट डेटा तथा रिमोट सेसिंग तकनीक के उपयोग लिये Agri – GIS portal बनवाया जा रहा है। पोर्टल निर्माण नेशनल रिमोट सेन्संग कैंद्र 1SRO০ तथा प्रदेश की तकनीकी संस्थाओं (MPSeDC तथा MPCST) के समन्वय से हो रहा है। संचालक कृषि मैथिल ने बताया कि सेटेलाईट डेटा तथा रिमोट सेसिंग तकनीक का उपयोग कर फसल क्षेत्रफल की प्रणाली विकसित की गयी है। इस वर्ष से पूर्णतया ई-गिरदावरी की जा रही है। किसानों को सुगमता एवं समय पर बीमा लाभ सुनिश्चित किये जाने हेतु भारत सरकार के फसल बीमा पोर्टल का भु-अभिलेख से इंटीग्रेशन किया गया है। इससे भू-अभिलेख में दर्ज भूमि संबंधी जानकारी सीधे फसल बीमा पंजीयन में लायी जा सकेगी। किसान भाई मोबाइल ऐप से सेटेलाईट डेटा तथा रिमोट सेसिंगतकनीक दवारा उनके खेत पर लगाई गयी फसल जानकारी की प्ष्टि की जा सकेगी। साथ ही किसान अपनी फसल भी संसोधित कर दर्ज कर सकते हैं।किसानों के त्रूटि रहित पंजीयन होने से पात्र किसानों को बिना किसी परेशानी के सीधे उनके आधार पंजीकृत खाते में लाभ मिल सकेगा एवं नुकसान एवं आपदा की स्थिति में फसल बीमा का सही-सही लाभ भी समय पर प्राप्त होगा। साथ ही कृषि संबंधी विभिन्न सूचनाएँ एक ही स्थान पर होने से बेहतर आंकड़ा आधारित नियोजन तथा अनुश्रवण संभव हो सकेगा।