हरदोई मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया है कि जुलाई माह संचारी माह के रूप में मनाया जा रहा है। अभियान का दूसरा पखवाड़ा यानी 16 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान का होगा। उन्होंने बताया कि दस्तक अभियान के दौरान आशा, ए०एन०एम० और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री घर-घर जाएंगी और कोविड, बुखार एवं टी०बी० के मरीजों की पहचान करेंगी। अभियान के दौरान कुपोषित बच्चों को भी चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान मच्छरों के प्रजनन स्थल भी खोजे जाएंगे। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के सहयोग से कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हे पुष्टाहार भी उपलब्ध कराया जायेगा। ऐसे बच्चों को चिकित्सीय परामर्श भी उपलब्ध कराया जायेगा। जरूरत होने पर पोषण पुनर्वास केन्द्र भी भेजा जाएगा। जिला क्षय रोग अधिकारी(डी०टी०ओ०)/मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ देशदीपक पाल ने बताया कि दस्तक अभियान के दौरान पूरे जनपद में घर-घर टीबी के मरीज खोजे जाएंगे। इस संबंध में टीबी की यूनिट स्तर पर आशा कार्यकर्ता का संवेदीकरण किया जाएगा। उन्हें ही टीबी के लक्षणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है और संभावित क्षय रोगी से पूछे जाने वाले सवालों का एक फॉर्मेट तैयार कर उपलब्ध कराया गया है। आशा कार्यकर्ता इस फॉर्मेट को संभावित क्षय रोगी से बात करके भरेंगी और ए०एन०एम० के माध्यम से क्षय रोग विभाग को भेजेंगी। उसके बाद क्षय रोग विभाग ऐसे लोगों का बलगम लेकर जाँच कराएगा। डी०टी०ओ० ने बताया कि टीबी की पुष्टि होने पर संबंधित आशा को प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
डी०टी०ओ० डॉ देशदीपक पाल ने बताया कि दो सप्ताह से अधिक खांसी खांसते समय बलगम या खून आना, बुखार बने रहना, थकान रहना, सीने में दर्द होना, वजन कम होना और रात में सोते समय पसीना आना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे लक्षण आने पर नजदीकी टीबी केन्द्र पर जाकर बलगम की जाँच करायें। टीबी की जांच और उपचार पूरी तरह निःशुल्क है। इसके अलावा उपचार जारी रहने तक विभाग निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत हर माह पाँच सौ रुपये का भुगतान रोगी के खाते में करता है।