सभी विद्यार्थियों कि मानसिक और बौद्धिक क्षमता अलग-अलग फिर पाठ्यक्रम समान क्यों?
आर्यन शेख़ अय्यूब ज़िला ब्यूरो
बुरहानपुर (नि.प्र.) हालीया हुए शहर में दु:खद घटनाक्रम आदर्श विद्यापीठ में पढ़ने वाले छात्र हितेन व्दारा बोर्ड परिक्षा में सप्लीमेंट्री आने से सुसाइड किए जाने पर पालक महासंघ सदस्य संजय नगर उसके निवास पर सांत्वना देने पहुंचे। हितेन के पिता संजय मांडगे ने बताया वह बहुत महत्वाकांक्षी था और नेवी में जाने की तैयारी कर रहा था, घटना वाले दिन भी पिता हाट-बाजार में कपड़े बेचने का काम करते हैं उनके साथ, काम में मदद करता था। धार्मिक प्रवृत्ति के साथ माता पिता का आज्ञाकारी और बहुत सरल स्वभाव का था। वरिष्ठ समिति सदस्य धर्मेंद्र सोनी ने कहा आज कि परीस्थीती में इस तरह की घटना पालकों को सोचने को मजबुर करती है जो वर्तमान की शिक्षा व्यवस्था है वह बच्चो के मानसिक स्थिति पर हावी हो रही है। अताउल्लाह खान ने जोर देते हुए बताया सरकार को शिक्षा पद्धति में बच्चों कि मानसिक और बौद्धिक क्षमता अनुसार पाठ्यक्रम में वर्गीकरण करने की जरूरत है। जब सभी बच्चों कि सोचने और समझने कि क्षमता अलग अलग होती है तो फिर समान पाठ्यक्रम क्यों? आज विज्ञान के युग में प्रत्येक व्यक्ति के ब्रेन की क्षमता का सटीक मापन किया जाने लगा है फिर हम कैसी अपेक्षा बच्चों से उनके क्षमता से अधिक तनाव देकर कर सकते हैं। इस बात पर बुध्दिजीवीयो को चिंतन करना होंगा। संस्था अध्यक्ष राजेश भगत ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परिवार को प्रभु इस दु:खद घड़ी में सम्भल प्रदान करें। इस अवसर पर प्रकाश नाईक और जय गंगराड़े भी उपस्थित थे।