संवादाता आनंद राठौर
बड़वाह शासकीय काॅलेज में चली रही पंचायत चुनावों के सारणीकरण की प्रक्रिया को लेकर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी थी। पार्किंग में बैठे जवान उस दौरान हैरत में पड़ गए जब कुर्सियों के नीचे से मॉनिटर लिजार्ड जिसे आम बोलचाल की भाषा मे घोरपड़ कहा जाता है। निकलते हुए दिखाई दी। करीब 3.5 फिट लम्बी यह घोरपड़ पुलिस वाहन के नीचे जा बैठी। चूंकि घोरपड़ को लेकर अंधविश्वास है कि इसका उपयोग औषधि में होता है। यही कारण है कि इसका शिकार भी किया जाता है। इसे शिकार से बचाने और रेस्क्यू के लिए स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी सोसायटी फॉर एनिमल एंड वेलफेयर के सदस्यों को दी। वन्य प्राणी अभिरक्षक सोनी शर्मा के निर्देश पर संस्था के सदस्य यश राणा शासकीय काॅलेज पहुंचे। यहां उन्होंने घोरपड़ को पकड़ने की काफी कोशिश की। लेकिन वह इधर उधर भाग कर छकाती रही। करीब 15 मिनट की भागदौड़ के बाद काॅलेज गेट के पास यश ने घोरपड़ को पकड़ लिया। टोनी के मुताबिक इस नर घोरपड की उम्र लगभग 8 वर्ष हो सकती है। इसका वजन करीब 3.5 किलो है।शाम को इसे वन विभाग के सुपुर्द किया जाएगा।टोनी के मुताबिक ये घोरपड़ काफी शर्मीले प्राणी हैं। इंसानों से दूरी बनाकर रखते हैं। कई लोग औषधि बनाने में इसका उपयोग करने के लिए इसका शिकार करते हैं। जबकि इसे मारना या पकड़कर कैद रखना कानूनन अपराध है।