कलेक्टर, सहायक आयुक्त, सांसद, विधायक ,1 वर्ष पूर्व सूचना के बावजूद किसी बड़े घटना का कर रहे हैं इंतजार
अनूपपुर/ विकासखंड पुष्पराजगढ़ के अंतर्गत ग्राम पंचायत लीला टोला मैं माध्यमिक विद्यालय संचालित है जहां पर कक्षा 6से 8तक के सभी कक्ष जर्जर है जो विद्यालय के भवन पुराना होने के साथ-साथ खंडहर में तब्दील हो चुका है जहां पर 80 से 100 बच्चे अध्ययनरत हैं विद्यालय भवन के अभाव में मजबूरी में बच्चों को रिस्क लेकर अध्ययन करवाया जा रहा है जो कभी भी भरभरा के गिरने से बच्चे एवं शिक्षक को अपनी जान गवाना पड़ सकता है।
अनजान बना बैठा है शासन-प्रशासन
प्राथमिक विद्यालय लीला टोला के प्राचार्य श्री नवल नायक से बात करने पर पता चला की हमने पिछले वर्ष दिनांक 30-9-2019 एवं 11-11 -2021 को विधिवत सहायक आयुक्त अनूपपुर को लिखित सूचना दिया गया वही पत्र क्रमांक 11-11 -2021 को कलेक्टर अनूपपुर को लिखित सूचना दी गई एवं सांसद शहडोल को भी 24 मई 2021 को पत्र क्रमांक 927 लिखित में अवगत कराया गया जोकि अभी तक शासन प्रशासन ने किसी प्रकार का कोई बिल्डिंग सुइक्रेत नही किए जाने के कारणउन्हें पुरानी जर्जर पड़ी बिल्डिंगों में कक्षा संचालन करना पड़ रहा है जोकि 80 से 100 बच्चों के जान का खतरा बना हुआ है जिस से इनकार नहीं किया जा सकता।
तो क्या मान लिया जाए बड़ी घटना के इंतजार कर रही है कलेक्टर
अनूपपुर जिले का प्रशासन आखिर क्यों इतना लापरवाह है अनूपपुर जिला कहा जाए तो आदिवासी बाहुल्य जिला है जहां पर गांव से अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाने के नाम पर शासकीय विद्यालयों में अधिकतर जनजातीय बच्चे अध्ययन करते हैं जिन जनजातीय बच्चों को अच्छे रहन-सहन अच्छे खान-पान एवं उचित माहौल में बच्चों को शिक्षा अध्ययन के लिए शासन द्वारा अनेक प्रकार का योजनाएं संचालित करती है लेकिन जमीनी स्तर पर कहानी कुछ और है माध्यमिक विद्यालय लीला टोला का विद्यालय भवन यहां की व्यवस्था को यथार्थ रूप में चित्रण कर रहा है।
या तो शासन के पास बजट नहीं है या फिर प्रशासन लापरवाह है
पुष्प राजगढ़ क्षेत्र के भाग्य विधाता कहे जाने वाले यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि सरपंच से लेकर विधायक सांसद को चुनकर राजा बनाती है लेकिन वही राजा आदिवासी जनजातियों के बच्चों को अच्छी शिक्षा तो दूर उनके बैठकर पढ़ने के विद्यालय भवनों की दशा इतनी खराब है कि बच्चे मौत के मुंह में घुसकर विद्या अध्ययन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है यह दुर्भाग्य है या बदनसीबी कहें पुष्प राजगढ़ के जनता ओं की जो अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के लिए आंसू बहाना पड़ रहा है। वहीं प्रशासन में बैठे जिले से लेकर खंड स्तर तक के अधिकारी एवं कर्मचारी इतने लापरवाह हैं की बच्चों की बैठने की व्यवस्था तक सही उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चों को अध्ययन करना पड़ रहा है।
मुझे आपके द्वारा बताया गया है मैं खुद इस समस्या को चलकर तत्काल देखता हूं।
D p c -हेमंत खेरवार जिला-अनूपपुर
B e o-पुष्पराजगढ़
भोग सिंह मरावी
आपके द्वारा मेरे संज्ञान तक बात पहुंची है मैं तत्काल समस्या को देख ता हूं।
B r c -पुष्पराजगढ़
हर्ष त्रिपाठी
इस समस्या के विषय में आपके द्वारा मुझे अवगत हुआ है अपने उच्च अधिकारियों से सलाह लेकर समस्या का निदान कराया जाएगा।