जिला अस्पताल के बुरे हालात, स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में चिकित्सा सुविधा के लचर व्यवस्था केहाल बेहाल
चंद्रेश जोशी सुदर्शन टुडे रायसेन
रायसेन।शासकीय जिला अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था एक बार फिर से वेंटिलेटर पर आ चुकी है।डॉक्टरों की मनमानी और लचर प्रबंधन की पोल शुक्रवार को दोपहर से शाम तक अस्पताल में देखने को मिला है।पेश है इसकी ताजा बानगी की रिपोर्ट..
हुआ यूं कि तालाब मोहल्ला वार्ड 9 रायसेन निवासी कांग्रेस नेता अनीस खान के छोटे भाई चांद मियां के पेट की पसलियों में पानी भर जाने की शिकायत होने पर शुक्रवार को सुबह इलाज के लिए जिला अस्पताल के सेकंड फ्लोर पर दाखिल किया गया।मरीज चांद मियां की पसलियों में भरे पानी को किसी डॉक्टरों ने नहीं निकाला।बड़े शर्म की बात है।इस घोर लापरवाही की वजह से बजाय सुधार होने के मरीज की सेहत और ज्यादा बिगड़ गई।परेशान परिजनों ने मरीज चांद मियां की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों की सलाह पर परिजनों ने मरीज चांद मियां को हमीदिया अस्पताल भोपाल रैफर कराने में अपनी भलाई समझी।दोपहर 2 बजे भोपाल रैफर हुए मरीज को जाने के लिए एम्बुलेंस का पूरे 3 घण्टे इंतजार करना पड़ा।परिजन इधर उधर एम्बुलेंस उपलब्ध कराने अधिकारियों के बंगलों पर गुहार लगाते हुए नजर आए।मरीज के बड़े भाई अनीस खान ने बताया कि अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ एके शर्मा से अनुरोध किया तब कहीं जाकर एम्बुलेंस उपलब्ध हो सकी।इसके अलावा रैफर 4 अन्य मरीजों को भी भोपाल जाने के लिए घण्टों इंतजार करना पड़ा।
मरीजों को रैफर करना बनीं परंपरा…..
जिला अस्पताल का बिगड़ा ढर्रा सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।चोटग्रस्त मरीजों और अन्य छोटी सी छोटी बीमारी से ग्रसित मरीजों,प्रसूताओं को भोपाल रैफर करने की परंपरा सी बन गई है।जिससे परिजनों को समय धन की हानि उठाना पड़ता है।
इनका कहना है….
मुझे जब जानकारी मिली तो एम्बुलेंस चालक से फोन पर बातचीत की।वह एम्बुलेंस 3 मरीजों को लेकर हमीदिया अस्पताल भोपाल गई थी।एम्बुलेंस आने के बाद 5 मरीजों को भोपाल रैफर कर दिया गया था।डॉ एके शर्मा सिविल सर्जन जिला अस्पताल रायसेन।.