सुदर्शन टुडे गंजबासौदा (नितीश कुमार)।
अध्यात्म जगत के महान संत श्रीमद् तरण स्वामी की जन्म जयंती के अवसर पर तारण तरण समाज के द्वारा श्री पालकी जी चल समारोह का आयोजन मंगलवार को किया गया। जो धूसरपुरा स्थित श्री तारण तरण चैत्यालय प्रारंभ हुआ और नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए बरेठ रोड स्थित श्री तारण तरण चैत्यालय तारण भूमि पहुंचा। चल समारोह से पूर्व चैत्यालय में मंदिर विधि व आरती हुई एवं चांदी की पालकी में चौदह ग्रंथ विराजमान हुए। जिन्हें श्रद्धालु अपने कंधे पर उठाकर चल रहे थे। पुरुष वर्ग धवल एवं मातृशक्ति केसरिया वस्त्रों को धारण किए हुए थी। रास्ते भर विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं ने श्री पालकी जी की आरती उतार कर धर्म लाभ लिया। वही धार्मिक जयघोषों से वातावरण धर्ममय हो गया। श्रद्धालु मग्न होकर भजन गाते और नाचते चल रहे थे। गंतव्य पर पहुंचकर मंदिर विधि और आरती उपरांत पात्रभावना का कार्यक्रम संपन्न हुआ एवं शाम के समय तरण झूलना का कार्यक्रम हुआ।
लहराया केसरिया ध्वज
सबसे आगे आश्वारोही अपने हाथों में धर्म ध्वज लेकर चल रहे थे वही चल समारोह में श्रद्धालु केसरिया झंडे को फहराते हुए धर्म का मार्ग प्रशस्त कर रहे थे।
लगाए तोरण, सजाई रंगोलियां
तारण स्वामी की जयंती पर असीम उत्साह देखने को मिला जैन समाज के लोगों ने अपने घरों एवं प्रतिष्ठानों के सामने तोरण सजाए थे वही बेटियों ने घरों के बाहर व सड़क पर सुंदर रंगोलिया सजाई थी।
दिव्यघोष की गूंज ने बांधा समा
श्री तारण तरण शांति सेवादल के नवयुवकों के द्वारा दिव्य घोष का वादन किया गया उस पर कई तरह की सुंदर धुन बजाते हुए नवयुवक सभी के आकर्षण का केंद्र बने रहे।
पूर्व संध्या पर हुए सांस्कृतिक आयोजन
जयंती की पूर्व संध्या पर बरेठ रोड स्थित चैत्यालय में तारण भूमि पाठशाला के तत्वाधान में सांस्कृतिक आयोजन हुए। जिनमें नगर के सभी चैत्यालयों में संचालित पाठशालाओं के बच्चों ने भाग लिया नन्हें मुन्नें बच्चों ने धार्मिक नृत्य नाटिका, भजन, कविता पाठ की आकर्षक प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया। सभी प्रतिभागियों को पारितोषिक भी भेंट किए गए।
बच्चों की अनूठी पहल ने पाई प्रशंसा
अन्न और भोजन के महत्व को समझाते हुए पात्रभावना के समय बच्चों ने सभी से थाली में झूठ ना छोड़ने की अपील की और लगातार इस पर नजर भी रखी कि थाली में कोई झूठा ना छोड़े। लोगों ने बच्चों की बात को सम्मान दिया और उनकी इस अनूठी पहल की भूरि भूरि प्रशंसा भी की।