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कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हुई मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग एवम राज्य वन सेवा की परीक्षा

लुकमान खत्री

खरगोन में भी रविवार को राज्य सेवा एवं वन सेवा की प्रारंभिक परीक्षा संपन्न हुई ,इसके लिए शहर में नो परीक्षा केंद्र बनाए गए थे ,परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई, सुबह से ही परीक्षार्थी अपने-अपने परीक्षा केदो पर पहुंचे, परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों में बैचेनी साफ नजर आई। बार-बार घड़ी की सुइयों पर टिकी नजरें, आंखें बंद कर ऊपर वाले को याद करते चेहरे और रोल नंबर ढंूढने के लिए सूचना पटल पर लगी भीड़ कुछ ऐसे ही नजारें देखने को मिले। इन केंद्रों पर मप्र लोक आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा एवं वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा (एमपीपीएससी) देने के लिए 3900 परीक्षार्थी पहुंचे। कुछ परीक्षार्थी सहायक को लेकर भी पहुंचे जो शारीरिक रूप से सक्षम नहीं थे। उनकी पड़ताल व पूछपरख के बाद केंद्रों पर प्रवेश दिया गया। यह परीक्षा दो सत्रों में हुई। परीक्षाओं की चमक तो उस समय बढ़ी जब परीक्षा में खरगोन जिले के टांडा बरूड़ निवासी स्वतंत्रता सैनानी रघुनाथ सिंह भिलाला एवं जबलपुर के सीताराम कंवर के बारे में प्रश्न किया गया था। 71वें प्रश्न में पूछा गया था कि जनजाति नेता सीताराम कंवर और रघुनाथसिंह मंडलोई भिलाला अंग्रेज विरोध क्रांति में कब शामिल हुए। गौरतलब है कि रघुनाथसिंह मंडलोई भिलाला जनजाति के नायक थे। 1857 के युद्ध में बड़वानी क्षेत्र में अन्याय के विरुद्ध मोर्चा लिया और क्रांति युद्ध जारी रखा। अंतिम समय तक अपने स्वत्व ओर स्वाभिमान की रक्षा करते हुए उन्होंने देश के लिए बलिदान दिया। पहले सत्र में आए परीक्षार्थियों को सुबह 9.30 बजे से प्रवेश दिया गया। 9.55 बजे से 10 बजे तक ओएमआर वितरण की गई। 10 बजते ही परीक्षा शुरू हुई जो दोपहर 12 बजे तक चली। द्वितीय सत्र में परीक्षार्थियों ने दोपहर 1.45 से केंद्रों पर प्रवेश लिया और दोपहर 2 से 2.15 बजे तक का समय ओएमआर का वितरण हुआ। 2.15 से 4.15 बजे तक परीक्षा चली। परीक्षा हॉल में पहुंचने से पहले केंद्रों के बाहर तैनात स्टॉफ ने परीक्षार्थियों की जांच की। धूप का चश्मा, जूते-मौजे, हाथ के बैंड, हाथ में बंधे बंधन सहित इलेक्ट्रानिक डिवाइस बाहर ही छुड़वाए। कई परीक्षार्थी चप्पल, सेंडल पहनकर पहुंचे। इसके अलावा पेंसिल, रबर, व्हाईटनर, बालों को बांधने का क्लचर, बकल, घड़ी, कमर बेल्ट, टोपी, तावीज भी प्रतिबंधित रहा। खरगोन के पीजी कॉलेज स्थित केंद्र पर महेश्वर ब्लॉक की बखलाय पंचायत का दृष्टि बाधित अर्जुन चौहान परीक्षा देने पहुंचा। देखने में परेशानी के चलते वह अपने साथ सहायक हस्त लेखक रवि भूरिया को लेकर पहुंचा था। मुख्य गेट पर उसके दस्तावेजों की पड़ताल की गई। संतुष्टि होने पर सहायक और अर्जुन दोनों को प्रवेश दिया गया। बड़वानी जिला सेंधवा ब्लॉक के ग्राम पानस्या से परीक्षा देने खरगोन आए सुरेश रचला डूडवे को परीक्षा केंद्र उत्कृष्ट स्कूल में मिला। सुरेश के हाथ ,लिखते समय कांपते हैं। लिहाजा वह परीक्षा के लिए सहायक के तौर पर अनिल सावले को लेकर आया था। लेकिन दिव्यांगता का कोई प्रमाण पत्र नहीं होने और पीएससी की अनुमति के बगैर सहायक को प्रवेश नहीं दिया गया। सुरेश स्वयं ही हॉल में पहुंचा। पीजी कॉलेज परीक्षा केंद्र पर खड़े बड़वाह के राघवेंद्र सोलंकी ने बताया उनकी पत्नी परीक्षा देने के लिए आई है। ऐसे में तीन साल की बच्ची को संभालने के लिए वह भी आए। अंदर परीक्षा हॉल में पत्नी ने परीक्षा दी वहीं राघवेंद्र ने बाहर तीन घंटे बच्ची को संभाला। इस बीच बच्ची ने कई बार मम्मी को याद किया, तो पापा ने चॉकलेट, बिस्किट देकर उसका ध्यान बांटा। परीक्षा को लेकर सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए थे।पुलिस की भी चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी। पहली पाली समाप्त होने के बाद कई परीक्षार्थी जो बाहर से आए थे वह उत्कृष्ट विद्यालय के मैदान पर अपना समय व्यतीत करते नजर आए। क्योंकि दूसरी पाली 2:00 बजे से प्रारंभ होना थी।

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